देहरादून में ईसाई प्रार्थना सभा पर हुआ हमला, धर्मांतरण के शक में मचा हंगामा

देहरादून में ईसाई प्रार्थना सभा पर हुआ हमला, धर्मांतरण के शक में मचा हंगामा
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देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ एक समूह ने एक घर में घुसकर धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए वहां मौजूद लोगों पर हमला किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटना में महिलाएं भी शामिल थीं, और भीड़ ने घर में तोड़फोड़ की, जिसमें एक ईसाई क्रॉस, प्रार्थना कक्ष और बेडरूम सम्मिलित थे। उन पर धर्मांतरण के आरोप लगाते हुए अपमानजनक टिप्पणियां की गईं। घटना के मुख्य आरोपी, देवेंद्र डोभाल, जो अपने फेसबुक प्रोफाइल पर पूर्व सैनिक और RSS सदस्य बताता है, ने कहा कि वीर विशाल थापा मार्ग, नवादा, देहरादून में एक घर में चर्च बनाकर हिंदुओं का धर्मांतरण करने का प्रयास किया जा रहा था। उसने यह भी दावा किया कि हिंदूवादी कार्यकर्ताओं और स्थानीय समाज ने इस मामले का पर्दाफाश किया और धर्मांतरण की शिकार महिला और उनके बच्चों को सुरक्षित उनके परिवार को सौंपा।

देहरादून के SSP अजय सिंह ने कहा, "घर में कोई धार्मिक परिवर्तन नहीं हो रहा था. ईसाई प्रार्थना सभा के घर में तोड़फोड़ करने वाले हिंदुत्व गुंडों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है." बता दें कि मामले में पुलिस ने अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है. 11 अपराधियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. भारतीय न्याय सहिंता 115(2), 191(2), 299, 324(4), 333, 351(2), 352 के तहत FIR दर्ज की गई है. पहचाने गए 11 अपराधियों में देवेंद्र डोभाल, बिजेंद्र थापा, साधिर थापा, संजीव पॉल, सुधीर पॉल, धीरेंद्र डोभाल, अरमान डोभाल, आर्यमन डोभाल, अनिल हिंदू, भूपेश जोशी, और बिजेंद्र सिंह का नाम सम्मिलित है.

शिकायतकर्ता दीक्षा पाल ने बताया कि "रविवार को प्रातः 10:30 बजे हमारे घर में प्रेयर मीटिंग हो रही थी। हमारे घर में किराए पर रहने वाली एक लड़की भी इस मीटिंग में सम्मिलित थी। मेरे पति घर पर नहीं थे, लेकिन मेरे भाई, बुजुर्ग सास-ससुर और अन्य महिलाएं उपस्थित थीं। इसी दौरान कुछ लोग हमारे घर के बाहर इकट्ठा होने लगे।" दीक्षा ने आगे कहा, "मेरी मां ने गेट बंद करने की सलाह दी, लेकिन मैंने बाहर जाकर उनसे बात करने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि हमारी बहू यहां है और हम उसका धर्मांतरण कर रहे हैं। हमने कई बार उन्हें समझाने की कोशिश की कि जो लड़की हमारे यहां किराए पर रहती है, वह अपनी इच्छा से इस मीटिंग में शामिल हुई है और वह पहले से यीशु मसीह को मानती है। लेकिन उन्हें यकीन नहीं हुआ। इस पर उस लड़की ने कहा कि उसके सास और पति उसे यहां छोड़कर गए हैं और वह अपनी मर्जी से यहां रह रही है।"

दीक्षा ने बताया, "सब कुछ समझाने के बावजूद वे लोग हमारे घर में घुस आए और मेरे भाई और बुजुर्ग पिता पर हमला कर दिया, उन्हें बुरी तरह पीटा और गालियां दीं। हमने पुलिस में शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। हम लोग डर के साए में जी रहे हैं।" वहीं, ज्योति थापा, जो दीक्षा के घर किराए पर रह रही हैं, ने कहा, "मैं यहां किराए पर रह रही हूं और मेरे पति बाहर हैं। मैं अपनी इच्छा से इनसे बैठी थी। मेरा कोई धर्मांतरण नहीं हुआ है, और हम डरे हुए हैं।"

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