आप सभी इस बात से तो वाकिफ ही होंगे कि दिसंबर माह की 25 तारीख को क्रिसमस मनाया जाता है. और इस दिन मनाए जाने वाला क्रिसमस का पर्व ईसाईयों का प्रमुख त्योहार माना जाता है. कहते हैं क्रिसमस पर तीन खास रंगों को बहुत महत्व दिया जाता है, और इस दिन लोग इसी रंग के कपड़े पहनते हैं, इसी के साथ सजावट में भी इन तीन रंगों का प्रयोग किया जाता है. जी हाँ, वहीं क्रिसमस ट्री भी इन तीन रंगों के द्वारा ही बनाया जाता है. वह तीन रंग लाल, हरा और गोल्डन है. अब आइए आज जानते हैं कि आखिर क्यों क्रिसमस पर इन तीन रंगों को इतना महत्व दिया जाता है.
लाल रंग - कहते हैं क्रिसमस पर सबसे ज्यादा महत्व लाल रंग को दिया जाता है, वहीं इस दिन सांता भी लाल रंग के कपड़े पहनकर आता है और खुशियां बांटता है. आप सभी को यह भी बता दें कि लाल रंग को यीशु के खून का प्रतीक माना जाता है और यह रंग दूसरों के प्रति प्रभु यीशु के प्यार को दर्शाता है और मानवता का पाठ पढ़ाता है. बस यही वजह है कि प्रेम के प्रतीक इस रंग को क्रिसमस पर सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है.
हरा रंग - कहा जाता है ईसाई धर्म में हरे रंग को प्रभु यीशु के शाश्वत जीवन का प्रतीक माना जाता है, यह रंग प्रकृति से भी जुड़ हुआ है, इसी कारण इसे क्रिसमस पर खास महत्व देते हैं.
गोल्डन रंग - आप सभी को बता दें कि ईसाई धर्म में गोल्डन रंग को उपहार देने का प्रतीक माना जाता है और क्रिसमस पर इस रंग का प्रयोग करने का मतलब होता है खुशियां बांटना. कहते हैं इस रंग का प्रयोग कर क्रिसमस पर सभी को खुशियां बांटते हैं और यही वजह है कि गोल्डन रंग को क्रिसमस पर महत्वपूर्ण माना जाता है.
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