अक्सर कहा जाता है, 'जाको राखे साइयां मार सके न कोय', ये एक बार फिर सच सिद्ध हुआ है क्योंकि गाजुपीर में गंगा में बहता हुआ एक बंद बॉक्स प्राप्त हुआ। बक्से को जब वहां रहवासियों ने खोला तो सबकी आंखें फटी रह गईं क्योंकि उसमें एक नवजात शिशु थी जो सांसे ले रही थी। गंगा में बहते नवजात बच्ची का बंद बक्से में देवी देवताओं की फोटो के साथ मिलना, यूपी के गाजीपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
वही गंगा नदी के किनारे ददरीघाट रहवासी गुल्लू चौधरी मल्लाह को गंगा में बहता एक लकड़ी का डिब्बा प्राप्त हुआ, जब उन्होंने उसे खोलकर देखा तो उसमें एक खूसबसुरत सी नवजात बच्ची रो रही थी, जो चुनरी से लिपटी हुई थी। उस बॉक्स में प्रत्येक ओर देवी देवताओं की फोटो लगी हुई थी। गुल्लू चौधरी उसे घर लेकर आ गए तथा इस के चलते कुछ लोगों ने अपने मोबाइल से बच्ची की फोटो ले ली। तहरीर पाकर पुलिस गुल्लू चौधरी के घर पहुंची तथा नवजात बच्ची को कोतवाली ले आई। हालांकि, इस के चलते गुल्लू चौधरी तथा उनका परिवार नवजात शिशु को गंगा की अमानत समझ कर पालने की जिद पर अड़ा रहा।
गुल्लू चौधरी की बहन सोनी ने कहा कि उनके भाई को यह नवजात शिशु गंगा नदी के तट पर एक बक्से में प्राप्त हुई थी तथा चुनरी में लपेट कर देवी देवताओं की फोटोज के साथ बहाई गई थी। बक्से में बच्ची की कुंडली भी थी। उन्होंने कहा कि कुंडली के हिसाब से उसका नामकरण गंगा है तथा जन्म की दिनांक 25 मई है, मतलब उसकी आयु सिर्फ महज तीन सप्ताह ही है।
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