कोच्ची: पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी के साथ इस साल केरल में भी विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं. इसके साथ सूबे में अब सियासी दलों के बीच वोट बैंक को लेकर रस्साकशी शुरू हो चुकी है. बता दें कि केरल की सियासत में मुस्लिम और ईसाई वोटर राज्य की सियासत का रुख निर्धारित करते हैं. इन सब के बीच शुक्रवार को राजनीतिक रूप से अहम एक बैठक हुई है.
इसमें केरल का एक मुख्य ईसाई चर्च, मलंकारा आर्थोडॉक्स सीरियन चर्च शुक्रवार को विपक्षी यूडीएफ (UDF) और कांग्रेस की सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के समर्थन में उतरा है. मलंकारा चर्च का एक बिशप प्रतिनिधिमंडल, IUML के शीर्ष नेताओं से मिला. मलप्पुरम में बिशप प्रतिनिधिमंडल और IUML के प्रदेशाध्यक्ष हैदराली शिहाब थंगल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मीटिंग हुई. रूढ़िवादी बिशप गीवर्गहीस मार यूक्लिओस (Geevarghese Mar Yulios) और याकूब मार ईरोनिएस (Yakoob Mar Irenaios) ने मीडिया को बताया कि, ‘हमारी मुलाकात ईसाई और मुस्लिम समुदायों के बीच दरार उत्पन्न करने के सियासी प्रयास के खिलाफ एक संदेश है. हमने कैथोलिकोस बेसेलियस मारथ पॉलस द्वितीय ( Catholicos Baselios Marthoma Paulose II) के कहने पर IUML नेताओं से मुलाकात की है.’
कुछ महीनों पूर्व हुए केरल स्थानीय निकाय चुनावों में ईसाईयों का एक वर्ग जमात-ए-इस्लामी के साथ जुड़ गया था. जिसके बाद से सत्तारूढ़ CPI(M) ने IUML पर हमला तेज कर दिया है. राज्य में CPI(M) को ईसाइयों की पारंपरिक सियासी पसंद माना जाता है.
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