वाॅशिंगटन। दुनिया की खोजी वेबसाईट विकीलीक्स ने एक आश्यचर्यजनक खुलासा किया है। दरअसल विकीलीक्स से मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए विश्वभर में लोगों की जासूसी कर रहा है। जासूसी के लिए वह लोगों के स्मार्ट टीवी, स्मार्टफोन, एंटी वायरस साॅफ्टवेयर के माध्यम से लोगों की जासूसी करने में लगा है। मिली जानकारी के अनुसार ये सभी डाॅक्युमेंट सीआईए के सेंटर फाॅर साइबर इंटेलिजेंस से लिए गए हैं।
दरअसल सीआईए लोगों द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले गैजेट्स में सेव की गई फोटो, निजी जानकारियों, आॅडियो फाईल समेत अन्य सामग्रियों पर नज़र रखी जा रही है। हालांकि सीआईए ने डाॅक्युमेंट पर टिप्पणी करने से मना कर दिया है। मगर वीकिलिक्स दुनिया की वह कंपनी है जो कि खुफिया जानकारियां प्रसारित करने के लिए जानी जाती है।
इस कंपनी ने कहा है कि सीआईए अमेरिकन साॅफ्टवेयर प्रोडक्ट्स और स्मार्टफोन्स को जासूसी के लिए उपयोग में लाने का कार्य करता है। इतना ही नहीं एप्पल के आईफोन, गूगल का एंड्राॅयड और माइक्रोसाॅफ्ट विंडोज़ भी इसमें शामिल किए गए हैं। इस मामले में जानकारी मिली है कि विकीलीक्स द्वारा डाॅक्यूमेंट के आधार पर जासूसी के लिए साॅफ्टवेयर तैयार किए हैं।
सीआईए ऐसी एम पर काम कर रहा है जो कि स्मार्ट टीवी को यूज़ कर रहा है। इसमें एक बग काम करता है जो कि टीवी में फेक आॅफ मोड डाल देता है। ऐसे में जब टीवी दे खने वाला दर्शक यह समझता है कि वह टीवी आॅफ कर चुका है मगर यह टीवी आॅन रहता है और उसके रूम के वीडियो व आॅडियो रिकाॅर्ड हो जाते हैं और सीआईए के सर्वर पर चले जाते हैं। सीआईए ब्रूटल कंगारू जैसे मालवेयर पर काम करता है जो कि कंप्युटर को प्रभावित करता है। सीआईए डाटा चुराने के लिए फाइन डाइनिंग का उपयोग करता है। हैमर ड्रिल के माध्यम से भी हैकिंग कर सीआईए अपना कार्य करता है।
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