WhatsApp यूजर्स को ऑनलाइन पाइरेट्स को टारगेट कर दिया है और खतरा और भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। वे विभिन्न स्ट्रैटेजी के माध्यम से WhatsApp यूजर्स से पैसे चुराने का प्रयास किया है, इसमें नकली आग्रह और कभी-कभी बैंकों, या सरकारी विभागों जैसे वैध संगठन के अधिकारी के रूप में शामिल होने जा रहा है। जो भी हो, उनका अंतिम लक्ष्य WhatsApp यूजर्स से पैसे और व्यक्तिगत जानकारी को चुराना है। असम पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (CID) ने हाल ही में WhatsApp यूजर्स को इस बारे में चेतावनी भी दी जा चुकी है।
CID ने दी चेतावनी: असम CID ने गुमनाम ऑनलाइन जालसाजों के विरुद्ध कई शिकायतें मिलने के बाद WhatsApp अटैक्स के विरुद्ध जनहित में एक सलाह भी पेश कर दी है। बोला जा रहा है ये ऑनलाइन धोखेबाज कई हथकंडों जैसे गिफ्ट कार्ड के जरिए WhatsApp यूजर्स से पैसे इकट्ठा करने के लिए प्रोफाइल फोटो और जाने-माने अधिकारियों के नाम का इस्तेमाल कर रहे थेय यहां तक कि एक मुख्यमंत्री की फोटोज का इस्तेमाल WhatsApp यूजर्स को ठगने के लिए किया जा रहा है ।
यह कैसे काम करता है?: जालसाज किसी विशेष संगठन के साथ-साथ उसके कर्मचारियों के बारे में आधिकारिक वेबसाइटों से या किसी वरिष्ठ अधिकारी की संपर्क सूची तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त करते वक़्त सभी उपलब्ध जानकारी एकत्र कर रहे है। एडवायजरी नोट में लिखा है 'इसके बाद, जालसाज वेबसाइटों, सोशल मीडिया वेबसाइटों, ई-मेल, मैसेंजर ऐप आदि से प्राप्त वरिष्ठ अधिकारी / राजनीतिक सरकार / उस संगठन / विभाग के संवैधानिक प्राधिकरण का नाम और तस्वीर प्राप्त करता है और अधीनस्थों को ठगने के लिए उनका इस्तेमाल किया जा रहा है।'
फिर धोखेबाज लिस्ट से अधीनस्थों को ईमेल या WhatsApp मैसेज भेजते हैं, यह दिखाते हुए कि वह एक जरूरी बैठक में भाग ले रहे हैं और कॉल करने में असमर्थ हैं और इसलिए WhatsApp यूजर्स को अमेजन ई-गिफ्ट कार्ड खरीदने या लिंक के जरिए से फंड ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं।
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