पार्किंसन रोग को बढ़ने से रोक सकता है यह मसाला

पार्किंसन रोग को बढ़ने से रोक सकता है यह मसाला
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हमारी रसोई में मौजूद बहुत से मसाले हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज्यादा लाभकारी है. आयुर्वेद में तो सदियों से इनका दवाई के रूप में उपयोग होता रहा है लेकिन अब तो मॉडर्न साइंस भी इनके फायदों को मानने लगा है. दालचीनी दक्षिण भारत का एक प्रमुख वृक्ष है. इस वृक्ष की छाल को औषधि और मसालों के रूप में प्रयोग किया जाता है. मसालों में उपयोग की जाने वाली दालचीनी में कई गुण समाये हुए है. यह प्राकृतिक रक्त शोधक है| यह आपको त्वचा सम्बन्धी कई परेशानियों से छुटकारा दिलाती है|

एक नए अध्ययन से पता चला है कि भोजन बनाने में इस्तेमाल होने वाली दालचीनी पार्किंसन के रोग को बढ़ने से रोकने में मददगार हो सकती है।अमेरिका में रश यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अध्ययन कर यह पता लगाया है कि दालचीनी का इस्तेमाल इस बीमारी के दौरान बायोकेमिकल, कोशिकीय और संरचनात्मक परिवर्तनों को बदल सकता है। इस अध्ययन के दौरान दालचीनी के इस्तेमाल से चूहे के दिमाग में इस तरह के परिवर्तन हुए।

अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता कलिपदा पहन और रश में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर डेविस ने कहा, सदियों से दालचीनी का इस्तेमाल व्यापक रूप से एक मसाले के रूप में दुनिया भर में होता रहा है। उन्होंने कहा, पार्किंसन से ग्रस्त रोगियों में इस बीमारी को बढ़ने से रोकने के लिए संभवत यह सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक हो सकता है।

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