अयोध्या: सदियों बाद आए राम जन्मभूमि मामले के फैसले के बाद से कट्टरपंथी भड़के हुए हैं और अयोध्या में तैयार हो रहे भव्य राम मंदिर को नुकसान पहुँचाने की फ़िराक में लगे हुए हैं। ऐसे में रामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। जिसके देखते हुए प्रशासन ने भी कमर कस ली है और राम मंदिर की सुरक्ष आधुनिक तकनीक से लैस करने का फैसला लिया है। इस सुरक्षा का ऐसा खाका खींचा जा रहा है, जिससे रामलला के भक्तों को परेशानी न हो। रामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा का नया प्लान तैयार करने का जिम्मा राज्य सरकार की तरफ से केंद्रीय औद्योगिक बल (CISF) को सौंपी गई थी। CISF ने नए सिरे से तैयार सुरक्षा प्लान को सरकार के समक्ष रखा था, जिसे मंजूरी मिल गयी है। जिसके बाद बुधवार (5 जुलाई) को CISF के अधिकारियों ने अयोध्या पहुंचकर रामजन्मभूमि परिसर का निरीक्षण किया।
CISF के DG शीलवर्धन व DIG सुमंत सिंह ने IG जोन पीयूष मोर्डिया के साथ निर्माणाधीन रामजन्मभूमि पथ व रामजन्मभूमि परिसर का मुआयना किया। जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों के साथ परिसर में ही मीटिंग की गई। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सूत्रों के मुताबिक, CISF के सुरक्षा प्लान को शासन से हरी झंडी मिल गई है। अब इस योजना के क्रियान्यवन को लेकर बुधवार को निरीक्षण किया गया है। रामजन्मभूमि की सुरक्षा में आधुनिक उपकरणों का ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा। श्रद्धालुओं का सामान रखने व पार्किंग की सुविधा रामजन्मभूमि परिसर से कुछ दूरी पर हो, इस पर चर्चा हुई है। रामलला के दर्शनार्थी अपने साथ मंदिर में प्रसाद के अतिरिक्त कुछ नहीं ले जा सकेंगे। मीटिंग में CCTV कैमरे, मार्डन कंट्रोल रूम को लेकर मंथन हुआ है। लगेज स्कैनर रामजन्मभूमि पथ पर किस जगह पर लगाया जाए, इसको लेकर विचार विमर्श हुआ है।
इसके साथ ही सावन व कांवड़ मेले में सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर अयोध्या पुलिस द्वारा किए गए इंतजामों की जानकारी लेकर जरूरी निर्देश दिए। मीटिंग में IG प्रवीण कुमार, SSP राजकरन नैयर सहित CRPF, पीएसी व खुफिया विभाग के भी अधिकारी मौजूद रहे।
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