बैतूल: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले से एक बेहद हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। यहां के जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ अशोक बारंगा कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसमें चौंकने वाली बात यह है कि डॉ बारंगा कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवा चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी उनके कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद जिले के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।
बता दें कि कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच यह मामला और भी परेशान कर देने वाला है। उधर कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से डॉ बारंगा होम क्वारंटाइन में चले गए हैं। गौरतलब है कि डॉ बारंगा को वैक्सीन का पहला डोज़ 16 जनवरी को लगाया गया था और दूसरा डोज़ 22 फ़रवरी को दिया गया, जिसके महज ११ दिन बाद ही वे पॉजिटिव पाए गए हैं। बता दें कि इसी तरह का एक केस कल राज्य के धार जिले से भी सामने आया था। दरअसल, धार जिला चिकित्सालय की एक महिला हेल्थ वर्कर को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। इतना ही नहीं इस महिला हेल्थ वर्कर के शरीर में कोरोना की एंटी बॉडी भी मिली है, मगर फिर भी महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई। ऐसे में डॉक्टर खुद भी सकते में पड़ गए हैं और हैरान हैं।
डॉ अनिल वर्मा का कहना है कि हमारे यहां की जिला अस्पताल की स्वास्थकर्मी है और दिनांक 17 जनवरी को रूटिंग इमुलाईजेषन (emulization) के तहत कोविड वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी। इसके बाद में 22 फरवरी को कोरोना वैक्सीन का दूसरी डोज लगी थी। दोनों डोज के बीच उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से सामान्य था किसी तरह की कोई समस्या नहीं थी। बताया जा रहा है कि अस्पताल की स्वास्थय कर्मी ने कोविड वैक्सीन की अवधि के दौरान कोविड से बचाव के लिए पूरी तरह से जरुरी सावधानियां बरती थीं। दूसरी डोज लगने के बाद तीसरे-चौथे दिन 24 फरवरी को रात को हल्की सी ठंड लगी, बुखार आया और समस्या पैदा हुई। जिसके बाद उनका कोरोना टेस्ट कराया गया और वे संक्रमित पाई गईं।
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