गुंटूर: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू को लेकर विवाद चल रहा है, और इसी बीच सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने तिरुपति मंदिर का दौरा किया। रविवार, 29 सितंबर को उन्होंने तिरुमाला के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस विवाद का मुख्य मुद्दा आंध्र प्रदेश सरकार के उस दावे से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा कि लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट पाई गई है।
सरकार का कहना है कि यह मिलावट पिछली सरकार के दौरान दिए गए घी के ठेके के कारण हुई है। मंदिर समिति, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने स्पष्ट किया कि घी का ठेका एक ब्लैकलिस्टेड सप्लायर को दिया गया था, जो कि पिछली जगन मोहन सरकार के दौरान हुआ था। घी में मिलावट के इन आरोपों को लेकर केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है और जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिया है। इस खुलासे के बाद सनातन धर्म के अनुयायियों में नाराजगी देखी जा रही है, और कई जगहों पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की जा रही हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राजनीतिक बहस भी जारी है, जहां बीजेपी ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है, जबकि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नायडू पर सवाल उठाए हैं कि उन्होंने तीन महीने तक इस मामले को छिपाकर क्यों रखा।
रिपोर्ट के अनुसार, लड्डू में इस्तेमाल किए जा रहे घी में फिश ऑयल, एनिमल टैलो (जानवरों के फैट) और लार्ड (जानवरों की चर्बी) जैसे तत्व भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ परिस्थितियों में गाय के घी में इन तत्वों की उपस्थिति से फॉल्स पॉजिटिव रिजल्ट्स आ सकते हैं, यानी जांच में मिलावट के संकेत मिल सकते हैं, जबकि वास्तविकता में ऐसा न हो।
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