नई दिल्ली: पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Snooping Case) के मामले पर सड़क से लेकर संसद तक विपक्ष का हंगामा जारी है. गुरुवार को देश की सबसे बड़ी अदालत में भी इस केस की सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से सवाल किया कि इस मामले में IT एक्ट के तहत शिकायत दर्ज क्यों नहीं करवाई गई है?
इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले वकील एमएल शर्मा को सुनवाई की शुरुआत में ही तंज का सामना करना पड़ा. मुख्य न्यायाधीश ने कोर्ट में कहा कि वह पहले कपिल सिब्बल को सुनेंगे, क्योंकि एमएल शर्मा की याचिका केवल अखबारों की कटिंग के आधार पर ही है. मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि आपने याचिका दाखिल ही क्यों की है? वरिष्ठ पत्रकार एन. राम की तरफ से पेश कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा कि पेगासस जैसा सॉफ्टवेयर एक व्यक्ति की निजता पर हमला है और संविधान के नियमों के विरुद्ध है.
सिब्बल ने अदालत में कहा कि केवल एक फोन के दम पर कोई भी हमारी ज़िंदगी में घुस सकता है, सबकुछ देख-सुन सकता है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यूज रिपोर्ट में जो बताया गया है अगर वो सच है तो ये आरोप काफी गंभीर हैं. CJI ने कहा कि ये मामला दो वर्ष पूर्व आया था, अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है. ऐसे में याचिका में ठोस तरीके से तथ्यों को शामिल किया जाना चाहिए था. CJI ने पुछा कि अभी तक किसी ने भी इस मामले में आपराधिक शिकायत क्यों नहीं की, ये IT एक्ट के तहत की जा सकती थी.
जम्मू कश्मीर के IS आतंकियों को केरल से फंडिंग, कांग्रेस के दिग्गज नेता का भी नाम आया सामने
देशभर में जारी हुए पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए आज का भाव
आधुनिक हिंदी साहित्य ने यूरोप को पीछे छोड़ दिया: प्रो. ऐनुल हसन