नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और INDIA गठबंधन के दिग्गज नेताओं ने आज शुक्रवार (22 दिसंबर) सुबह 11 बजे दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इसके साथ ही कांग्रेस के सभी जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दल लगातार लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा कर रहे थे और इस घटना पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे। हंगामे के बीच दोनों सदनों के अध्यक्षों ने विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें बड़ी संख्या में निलंबित कर दिया।
इससे पहले गुरुवार (21 दिसंबर) को निलंबित सांसदों के अलावा विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के कृत्य के विरोध में संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला था। लोकसभा से निलंबित 100 सदस्यों में से 97 मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित रहेंगे, जबकि तीन सांसदों का निलंबन विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक बरकरार रहेगा। विशेष रूप से, लोकसभा, जो मूल रूप से 22 दिसंबर तक कार्यवाही जारी रखने वाली थी, को एक दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
#WATCH | Congress President Mallikarjun Kharge and NCP chief Sharad Pawar and leaders of INDIA parties take part in 'Save Democracy' protest against mass suspension of MPs, at Jantar Mantar in Delhi pic.twitter.com/nxslPhTB1V
— ANI (@ANI) December 22, 2023
वहीं, कांग्रेस सुप्रीमो मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने संसद की गरिमा के खिलाफ काम करते हुए मनमाने ढंग से महत्वपूर्ण विधेयक पारित करके लोकतंत्र का गला घोंट दिया। उन्होंने दावा किया कि संसद को सत्ताधारी पार्टी का मंच बनाने की साजिश हो रही है और इंडिया गठबंधन के 146 सांसदों के निलंबन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। खड़गे ने आगे चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं पर कब्ज़ा करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने संविधान, संसद और लोकतंत्र को खतरे में डाल दिया है।
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