अमृतसर: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ में अपने चार बिल लाने वाली पंजाब की कांग्रेस शासित कैप्टन अमरिदंर सिंह सरकार अपने मंत्रियों और सभी विधायकों सहित बुधवार को दिल्ली के राजघाट पर धरना देगी। सूबे के कृषि विधेयकों को मंजूरी दिलवाने के लिए सीएम केप्टन अमरिंदर सिंह, उनके मंत्रियों, कांग्रेस सांसदों और विधायकों को 4 नवम्बर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करनी थी, लेकिन एन मौके पर राष्ट्रपति द्वारा समय न दिए जाने से पंजाब की कैप्टन सरकार रोष स्वरुप धरना देकर अपने गुस्से को जाहिर करेगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पहले राष्ट्रपति भवन ने 4 नवम्बर को मिलने का वक़्त दिया था पर दो नवम्बर की सांय 4 नवम्बर के लिए राष्ट्रपति द्वारा समय की पुष्टि न किए जाने की बात कहते हुए अधिकारियों ने मुलाकात निरस्त कर दी है। राष्ट्रपति से मिलने के लिए CMO ने पहला पत्र 21 अक्टूबर को और दूसरी चिट्ठी 29 अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन के अफसरों को लिखी थी।
जिसके जवाब में CMO को बताया गया कि मुलाकात के लिए राष्ट्रपति 2 या 4 नवम्बर को समय दे सकते हैं, तो पंजाब CMO ने 4 नवम्बर के लिए कोई भी वक़्त दिए जाने की मांग की जिसे एन मौके पर ख़ारिज कर दिया गया। हालांकि कोरोना महामारी के कारण दिल्ली में धारा 144 लागू हैं। जिसकी वजह से बुधवार को पंजाब भवन से MLA 4-4 की टुकड़ी में धरने के लिए सुबह 10.30 बजे से राजभवन के लिए निकलेंगे।
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