जयपुर: राजस्थान मदरसा बोर्ड को जल्द ही संवैधानिक दर्ज मिलने वाला है. अल्पसंख्यकों की मांग पर राज्य के सीएम गहलोत ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अल्पसंख्यक मंत्री शाले मोहम्म्द से बात कर इस पर कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं. इसके लिए राज्य सरकार ने मदरसा एक्ट में संशोधन की तैयारियां आरंभ कर दी है.
इस संबंध में अल्पसंख्यक मंत्री शाले मोहम्मद ने जानकारी देते हुए बताया है कि सीएम अशोक गहलोत के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए मदरसा बोर्ड को संवैधानिक दर्जा देने के मुद्दे पर हर पहलु पर विचार विमर्श कर लिया गया है. इसके लागू होने के बाद मदरसा बोर्ड बेहद मजबूत और जबावदेह हो जाएगा. शाले मोहम्मद ने कहा कि, ''इससे पहले हर कोई अपना अपना अध्यायदेश थोप दिया करता था. जिस वजह से मदरसा बोर्ड के कर्मचारियों को परेशानी होती थी. अब नए मदरसों के रजिस्ट्रेशन के साथ राज्य सरकार की तरफ से सरकारी सुविधाएं मिलेगी. जिसमें मध्यान्ह भोजन, विभाग से पाठय पुस्तक, फर्नीचर, कम्प्यूटर और पैराटीचर आदि शामिल है.''
इस दौरान जनसहभागिता योजना के तहत मदरसों के विकास के लिए 60 फीसद सरकार खर्च करेगी. वहीं, 40 फीसद खर्च का वहन मदरसे खुद करेंगे. बताया जा रहा है कि राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार दोनों मिलकर प्रत्येक जिले में एक मॉडल मदरसा तैयार करने जा रहे हैं. जिसमें कम्प्यूटर की शिक्षा, हिंदी, अंग्रेजी के साथ सभी सुविधाएं दी जाएंगी.
मुलायम सिंह की तबियत फिर बिगड़ी, मेदांता अस्पताल में हुए भर्ती
दिल्ली सरकार अब विद्यार्थियों को देगी बड़ा तोहफा, केजरीवाल ने किया ऐलान
शिवसेना ने सामना में लिखा, बिना विपक्ष के लोकसभा, पुरानी गिल्ली और पुराना ही डंडा