अपने चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों का खुलासा न करने के लिए पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को लेकर खबरों का बाजार गर्म है. फडणवीस द्वारा ये गलती 2014 चुनाव के दौरान हुई थी. इस कृत्य पर पराधिक कार्यवाही की मांग करने वाली एक शिकायत के सिलसिले में गुरुवार को नागपुर की अदालत में पेश हुए.
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गुरुवार को भाजपा के इस वरिष्ठ नेता को अदालत में पेश होने के लिए मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पी एस इंगल द्वारा अंतिम मौका दिया गया था. अदालत के समक्ष फड़नवीस की उपस्थिति पर ध्यान देते हुए, मजिस्ट्रेट ने उन्हें 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अदालत वकील सतीश उके द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें फडणवीस के खिलाफ 2014 में अपने चुनावी हलफनामे में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का खुलासा न करने के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी. फडणवीस को नवंबर 2019 से पहले के चार बार उपस्थिति से छूट दी गई थी. अदालत ने अब मामले की अगली सुनवाई की तारीख 30 मार्च रखी है.बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. जिसपर मंगलवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने की बेंच ने मामला सुना और फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने लम्बित आपराधिक मुकदमे की जानकारी छिपाने के लिए ट्रायल का सामना करने का फैसला सुनाया था.
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