नई दिल्ली: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के बाद अब CM एकनाथ शिंदे ने भी सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। शिंदे ने अदालत में ताजा हलफनामा दाखिल किया है। इसमें उद्धव गुट की ओर से दाखिल की गई याचिकाओं को खारिज करने की मांग की गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को 'असली' शिवसेना चुनने की इजाजत दी जानी चाहिए। बता दें कि ECI ने दोनों गुटों से 8 अगस्त तक अपने दावे और आपत्ति देने को कहा है।
उद्धव कैंप की ओर से दाखिल याचिका में बागी विधायकों पर फैसला आने तक निर्वाचन आयोग को कोई भी फैसला लेने से रोकने की मांग की गई थी। अब शिंदे ने अपने हलफनामे में कहा है कि 15 विधायक, 39 विधायकों के समूह को बागी नहीं कह सकते। वहीं, मुख्यमंत्री शिंदे के एक करीबी ने कहा कि, 'पार्टी की मान्यता और चुनाव चिह्न के मुद्दों से निर्वाचन आयोग निपटता है। यदि सभी पार्टियां सर्वोच्च न्यायालय के पास आने लगेंगी, तो ऐसी अथॉरिटी का मतलब क्या है।'
शिनसे के हलफनामे में यह भी कहा गया है कि विधायकों को अयोग्य ठहराने के मुद्दे पर विधानसभा स्पीकर को फैसला लेना चाहिए और अदालत को दखल नहीं देना चाहिए। साथ ही हलफनामे में गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के फ्लोर टेस्ट के फैसले का भी उल्लेख किया गया है। वहीं, उद्धव खेमे की ओर से कोश्यारी के इस फैसले को भी चुनौती दी गई है।
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