गुवाहाटी: मिजोरम के साथ सटी बॉर्डर पर शांति बहाल होने का जिक्र करते हुए असम के सीएम हेमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्यों के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद का एक दिन में समाधान नहीं हो सकता क्योंकि यह एक बेहद जटिल मुद्दा है। बॉर्डर विवाद ब्रिटिश काल से भी पहले से होने का उल्लेख करते हुए सरमा ने एक इंटरव्यू में कहा कि असम अन्य राज्यों के साथ भी बातचीत कर रहा है और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों को नए राज्यों का गठन करते समय स्पष्ट रूप से बॉर्डर्स का निर्धारण नहीं करने के लिए दोषी ठहराया।
बॉर्डर विवाद को लेकर असम और मिजोरम के पुलिसकर्मियों के बीच गत माह हिंसक झड़प में असम पुलिस के छह कर्मियों की मौत हो गई थी, जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच फिर से टकराव बढ़ गया। शनिवार से देश की राजधानी दिल्ली के चार दिवसीय दौरे पर आए सरमा ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। हिमंता सरमा ने कहा कि, 'मिजोरम 1870 में अंग्रेजों द्वारा जारी नोटिफिकेशन के आधार पर भीतरी वन क्षेत्र की मांग करता रहा है।'
हिमंत सरमा ने कहा कि असम की स्थिति यह है कि एक संवैधानिक सीमा है और मिजोरम ऐतिहासिक बॉर्डर के बारे में कह रहा है। असम अपनी संवैधानिक सीमा की रक्षा कर रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब दोनों राज्यों के बीच के मसले को सुलझा लिया गया है।
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