नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से पॉवर मिलने के बाद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल धड़ाधड़ अधिकारियों और नौकरशाहों को हटाने में लग गई है। अब देश की राजधानी दिल्ली में प्रमुख शासन सचिव (Chief Secretary) बदलने की कवायद चल रही है. जल्द ही पीके गुप्ता दिल्ली के नए चीफ सेक्रेटरी बन सकते हैं. सीएम केजरीवाल ने उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना के माध्यम से केंद्र सरकार से सहमति मांगी है. इसमें दिल्ली के नए CS के लिए पीके गुप्ता का नाम आगे बढ़ाया गया है. बता दें कि पीके गुप्ता 1989 बैच के IAS अफसर हैं.
बता दें कि मौजूदा मुख्य सचिव नरेश कुमार 1987 बैच के IAS अफसर हैं. नरेश कुमार 1987 बैच के AGMUT (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर के अफसर हैं. नरेश कुमार इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव थे. दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव पर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि अधिकारियों का परिवर्तन आम बात है. मगर, सुप्रीम कोर्ट से नये अधिकार मिलने के बाद AAP सरकार इसका गलत इस्तेमाल कर केजरीवाल के राजमहल बंगला घोटाले, शराब घोटाले की जांच से जुड़े अधिकारियों को हटा रही है. यह निंदनीय है.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि, चाहें मुख्य सचिव नरेश कुमार को हटाना हो या दलित समाज से आने वाले अफसर आशीष मोर एवं गिन्नी सिंह को हटाना. दिल्ली सरकार के सभी फैसले पूर्वाग्रह में लिये गये फैसले हैं. इन तबादलों का मकसद केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार की जांच को रोकना है.
कानून मंत्री नहीं रहे किरेन रिजिजू, अर्जुन राम मेघवाल को सौंपा गया प्रभार
कर्नाटक: सोनिया गांधी का एक फोन और शिवकुमार ने छोड़ दी 'कुर्सी' की जिद !