अहमदाबाद: एक देश एक कानून के उद्देश्य से लाई जा रही समान नागरिक संहिता (UCC) पर सैद्धांतिक समर्थन का ऐलान करना गुजरात में आम आदमी पार्टी (AAP) और अरविंद केजरीवाल को भारी पड़ गया है। दरअसल, गुजरात में अनुसूचित जनजाति वर्ग (ST) के लिए आरक्षित सीट से 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके 'AAP' के एक नेता ने पार्टी द्वारा UCC के सैद्धांतिक समर्थन का विरोध करते हुए रविवार (9 जुलाई) को पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है।
रिपोर्टर के अनुसार, 'AAP' सुप्रीमो और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भेजे गए इस्तीफे में आदिवासी नेता प्रफुल्ल वसावा ने कहा कि समान नागरिक संहिता, संविधान पर हमला है। हालांकि, संविधान का अनुच्छेद 44 खुद समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कहता है, यहाँ तक कि, सुप्रीम कोर्ट भी समान नागरिक संहिता लागू करने की बता कह चुकी है, तो क्या सुप्रीम कोर्ट संविधान के खिलाफ बात करेगी ? ऐसे में AAP नेता इसे किस तरह संविधान पर हमला बता रहे हैं, इसका जवाब उनके ही पास होगा। बहरहाल, नर्मदा जिले के नांदोड (ST) सीट से 2022 विधानसभा चुनाव लड़ चुके वसावा ने अपने इस्तीफे में आगे कहा है कि 'AAP' समान नागरिक संहिता का समर्थन करने के साथ ही आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की बात नहीं कर सकती। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता आदिवासियों को मिले तमाम विशेषाधिकार खत्म कर देगी।
इसके साथ ही वसावा ने मणिपुर में 'आदिवासियों' की हत्या को लेकर केन्द्र पर आरोप लगाया और AAP से कट्टरवाद और घृणा की सियासत का विरोध करने के लिए कहा है। 'AAP'' की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए केजरीवाल को लिखे गए पत्र में वसावा ने कहा है कि, 'समान नागरिक संहिता से आदिवासियों, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अल्पसंख्यकों और अन्य समुदायों के संवैधानिक अधिकारों, जीवनशैली और सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा उत्पन्न हो जाएगा।'
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