नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में 20 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने का निर्देश दिया है. इसका उद्देश्य यह है कि अन्य रोगों के मरीजों को यदि कोरोना हो, तो कोई अस्पताल उनके उपचार से इंकार न करे. जिन अस्पतालों को 20 फीसदी बेड कोरोना रिजर्व करने में कोई लॉजिस्टिक समस्या होगी, तो पूरे अस्पताल को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल घोषित कर दिया जाएगा. इसके लिए अस्पतालों को शुक्रवार तक का वक़्त दिया गया है.
आपको बता दें कि लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद से ही दिल्ली में कोरोना मरीजों की तादाद में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की तादाद 23,645 हो गई है जबकि अब तक 606 लोगों की जान जा चुकी है. गुरुवार को सिसोदिया ने कहा कि हमें किसी तरह के डेटा में नहीं उलझना है. हमारी किसी प्रदेश से कोई प्रतियोगिता नहीं है. दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल का साफ कहना है कि सबकी जान बचाना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं. इसलिए कोरोना डेडिकेटेड अस्पतालों की तादाद बढ़ाई जा रही है.
उन्होंने कहा कि पांच सरकारी और तीन प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना आरक्षित अस्पताल बनाया गया है. इसके साथ ही 61 प्रमुख प्राइवेट अस्पतालों को 20 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए रिज़र्व करने का निर्देश दिया गया है. ऐसे अस्पताल अब अन्य रोगों वाले कोरोना मरीजों के उपचार से इंकार नहीं कर सकते. सिसोदिया ने कहा कि बहुत से अस्पतालों ने इसे स्वीकार कर लिया है. कुछ अस्पतालों ने मिक्स सिस्टम में असमर्थता जाहिर की है. ऐसे अस्पतालों को शुक्रवार तक का वक़्त दिया गया है. जिन अस्पतालों को मिक्स सिस्टम में समस्या होगी उन्हें कोरोना आरक्षित अस्पताल घोषित कर दिया जाएगा.
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