चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ई.के. पलानीस्वामी पर तीखा हमला किया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकारी कल्याण योजनाओं का नाम पलानीस्वामी के नाम पर रखा जा सकता है। स्टालिन का यह बयान पलानीस्वामी के उस आरोप के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार दिवंगत मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के नाम पर बनाई गई योजनाओं के लिए फंड आवंटित कर रही है, जो लोगों के लिए खास फायदेमंद नहीं हैं।
स्टालिन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पलानीस्वामी के आरोप झूठे हैं और करुणानिधि के नाम पर शुरू की गई योजनाएं, जैसे कि कलैगनार सेंटरी लाइब्रेरी, कलैगनार जल्लीकट्टू अखाड़ा, चेन्नई में एक अस्पताल और महिलाओं को वित्तीय सहायता देना, सब जनता के लिए लाभकारी हैं। उन्होंने कहा कि पलानीस्वामी के ऐसे बयानों में उनका अहंकार झलकता है, और इसी वजह से तमिलनाडु के लोग उनकी पार्टी को हराएंगे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि करुणानिधि ने तमिल लोगों के हित में अपना पूरा जीवन लगा दिया और उनके नाम पर योजनाएं शुरू करना उचित है। उन्होंने पलानीस्वामी पर आरोप लगाया कि वे सत्ता और पद के लिए काँकरोच की तरह "रेंगने" वाले रवैया अपनाते हैं। यह आरोप जयललिता की मृत्यु के बाद एआईएडीएमके में पलानीस्वामी के व्यवहार का संदर्भ था, जब उन्होंने वी.के. शशिकला का समर्थन किया था।
स्टालिन ने कहा कि उन्हें करुणानिधि के नाम पर कल्याणकारी योजनाएं चलाने में गर्व महसूस होता है क्योंकि करुणानिधि का नाम तमिल लोगों के दिलों में बसा हुआ है और तमिलनाडु के इतिहास का अहम हिस्सा है।
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