पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एक सरकारी स्कूल की लाइब्रेरी का नाम इंग्लिश में लिखे होने पर गहरी नाराजगी जताई। नीतीश कुमार पटना से तकरीबन 250 किलोमीटर दूर बांका जिले में थे, जहां वह जमुई में एक पुल के निरीक्षण के पश्चात् पहुंचे थे, बांका में मुख्यमंत्री नीतीश ने एक नवनिर्मित अस्पताल का उद्घाटन किया तथा उन्होंने पुनर्निर्मित इनडोर स्टेडियम का निरीक्षण किया। तत्पश्चात, वह एक हाईस्कूल का दौरा करने पहुंचे। मुख्यमंत्री नीतीश हाईस्कूल में बोर्ड पर अंग्रेजी में "डिजिटल लाइब्रेरी" लिखा देखकर नाराज हो गए। उन्होंने वहां उपस्थित कलेक्टर अंशुल कुमार से कहा कि यह हिंदी में क्यों नहीं है? हम ब्रिटिश युग में नहीं रह रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि देखिए मेरे मन में अंग्रेजी के खिलाफ कुछ भी नहीं है। जब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, तो मैंने भी अंग्रेजी में ही पढ़ाई की है। संसद में मेरे कई भाषण भी इसी भाषा में थे। उन्होंने कहा कि एक वक़्त पर मैंने हिंदी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का फैसला किया। इसलिए मैंने अंग्रेजी में अपने साइन (हस्ताक्षर) करना छोड़ दिया। कृपया इस साइनबोर्ड को जल्द से जल्द बदलवाएं। इस पर कलेक्टर ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि आज ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
दिवंगत समाजवादी दिग्गज राम मनोहर लोहिया के प्रति अपनी वैचारिक सहमति की वजह से हिंदी के लिए वकालत करने वाले नीतीश ने कई बार अंग्रेजी के इस्तेमाल पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई है। फरवरी में उन्होंने एक कृषि उद्यमी को तब फटकार लगाई जब उन्होंने अपनी स्पीच के चलते अंग्रेजी के कई शब्द बोले थे। हाल ही में वह राज्य विधान परिषद के अंदर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड पर 'honourable' और 'speaking time' जैसे शब्द देखकर सभापति देवेश चंद्र ठाकुर पर भड़क गए थे।
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