पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आज पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजनीति के पलटूराम हैं। सीएम नीतीश कुमार जेपी आंदोलन से आगे आए। उन्होंने कहा कि मुझसे चंदन लगवाकर मोर्चे पर जाते थे नीतीश कुमार। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से तो मैं सीनियर हूॅं। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें प्रारंभ से ही जानता हूॅं। नीतीश कुमार को लेकर कहा जाता है कि वे छात्र आंदोलन से राजनीति में आए थे लेकिन छात्र आंदोलन में उनका अता पता ही नहीं था।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने भी मिलकर साजिश की थी। जिस सुशील मोदी की बात हो रही है वे तो हाफ पेंट में घूमा करते थे। नीतीश कहते हैं कि उन्होंने मुझे वोट दिलवाया मगर यह गलत है। अब वे पीएम नरेंद्र मोदी की जयजयकार कर रहे हैं मगर उन्होंने एक अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी की ही आलोचना की थी।
लालू प्रसाद यादव ने बाबरी मस्जिद विध्वंस का उल्लेख करते हुए कहा कि इस घटनाक्रम से भारत का संविधान, भारत का भाईचारा ध्वस्त हुआ। भाजपा और आरएसएस ने देश की एकता को खंडित किया। वर्ष 1994 में मुंबई में भाजपा सम्मेलन हुआ, जाॅजफर्नांडीज का आॅपरेशन हुआ था और समता पार्टी का गठन हो चुका था। इस दौरान पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी नीतीश कुमार को हाथ पकड़कर मुंबई के सम्मेलन में ले गए।
इसी से जाहिर होता है कि सीएम नीतीश कुमार पलटूराम हैं। उन्होंने कहा कि आखिर सीएम नीतीश कुमार क्यों झूठ बोलते हैं। लालू प्रसाद यादव का कहना था कि मैं नीतीश को आगे नहीं लाना चाहता था उन पर मुझे भरोसा नहीं था। मगर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के कहने पर नीतीश कुमार को आगे लाए जाने की बात मैंने मान ली। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मेरे पुत्रों तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को बलि पर चढ़ाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि नीतीश सत्ता के लालची हैं।
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