भारत का राज्य सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा है कि वे अपने राज्य में नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं करेंगे, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) के तहत राज्य को विशेष दर्जा हासिल है. विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए तमांग ने कहा कि निहित स्वार्थ वाले कुछ लोग नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जनता को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य पर इसका कोई असर नहीं होगा.
वैज्ञानिक किया खुलासा, तारों के विकिरण से बचने के लिए इस क्षेत्र की आवश्यकता
अपने बयान में तमांग ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में यह स्पष्ट करने के बावजूद कि राज्य विधानसभा की मंजूरी के बिना यह कानून सिक्किम में लागू नहीं होगा, विपक्षी पार्टियां लोगों को गुमराह कर रही हैं. विपक्षी पार्टियां-कांग्रेस, हमरो सिक्किम पार्टी और सिक्किम रिपब्लिकन पार्टी इस बात का डर दिखा चुकी हैं कि सिर्फ छह लाख की आबादी वाले सिक्किम में जबरन इस कानून को लागू कर दिया जाएगा.
बालाकोट मुद्दा पाकिस्तानी सेना के लिए बना परेशानी की वजह, बौखलाहट के कही ये बात
इसके अलावा तमांग ने कहा, 'हमें पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आश्वासन दिया गया है कि नागरिकता संशोधित कानून सिक्किम में लागू नहीं होगा क्योंकि राज्य को संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है.'विपक्षी दलों ने डर जताई है कि राज्य की आबादी केवल छह लाख है. इसे कानून के दायरे में लाने के लिए मजबूर किया जाएगा.
मां नही बन पाई महिला, गलती के लिए अस्पताल को भरना पड़ेगा 5.30 करोड़ हर्जाना
वही, एचएसपी के कार्यकारी अध्यक्ष भाईचुंग भूटिया ने कानून की काफी आलोचना की है. उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि नागरिकता संशोधित कानून राज्य की जनसांख्यिकी को बदल सकता है, जो वर्तमान में लेप्चा, भोटिया और गोरखाओं के पक्ष में है.
नागरिकता कानून: अमेरिका बोला- भारत की स्थिति पर करीब से रख रहे नज़र
CAB Delhi Protest: घायल छात्र के पास नही थे अस्पताल का बिल भरने के पैसे, इस मंत्री ने दिखाई उदारता
इंडिया गेट पर कांग्रेस नेताओं के साथ धरने पर बैठी प्रियंका गाँधी, कहा- देश का माहौल ख़राब हो गई