गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार (22 जुलाई) को मणिपुर में 2017 तक के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर उनके (कांग्रेस के) शासनकाल के दौरान देश की नाकाबंदी राजधानी बन गया था और अब इसके विपरीत कांग्रेस ने राज्य में अत्यधिक रुचि दिखाना शुरू कर दिया है। इस संबंध में, असम के सीएम सरमा ने ट्विटर पर कहा कि, "कांग्रेस अचानक मणिपुर में अत्यधिक रुचि दिखा रही है। थोड़ा पीछे मुड़कर राज्य में इसी तरह के संकटों पर पीएम मनमोहन सिंह की अपनी प्रतिक्रिया को देखना महत्वपूर्ण है। पार्टी का दोहरापन चिंताजनक है।"
Cong is suddenly displaying immense interest in Manipur. Important to rewind a bit and look at PM Manmohan Singh’s own response to similar crises in the State.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 22, 2023
The party’s duplicity is simply alarming.
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उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर में कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान हर साल एक महीने से अधिक समय तक नाकेबंदी होती थी। उन्होंने आगे ट्वीट किया कि, "UPA के कार्यकाल के दौरान, मणिपुर देश की नाकाबंदी राजधानी बन गया था। 2010-2017 के बीच, जब कांग्रेस ने राज्य में शासन किया, हर साल, साल में 30 दिन से लेकर 139 दिन तक नाकाबंदी होती थी।" उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्ष 2011 मणिपुर में सबसे खराब अवरोधों में से एक था, जो 120 दिनों से अधिक समय तक चला और प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी चार महीने से अधिक समय तक इस मुद्दे पर चुप रहे। उन्होंने कहा, "इनमें से प्रत्येक नाकेबंदी के दौरान पेट्रोल 240 रुपए और LPG 1,900 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया था, जो पूरी तरह से मानवीय संकट में तब्दील हो गईं। 2011 मणिपुर में 120 दिनों से अधिक समय तक चलने वाली सबसे खराब नाकाबंदी में से एक थी।"
बता दें कि, मणिपुर में, बहुसंख्यक समुदाय की भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया। यह घटना कथित तौर पर मणिपुर में जातीय संघर्ष भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई थी। दरअसल, अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में मैतेई समुदाय के लोगों को शामिल करने के प्रस्ताव के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की ओर से 3 मई को निकाली गई रैली के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मणिपुर के उस वायरल वीडियो के बारे में बात की थी, जिसमें दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाते हुए दिखाया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि, ''मैं दर्द से भरा हूं और यह घटना किसी भी नागरिक समाज के लिए शर्मनाक है.'' उन्होंने कहा था कि, "किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा, जो लोग इसके पीछे हैं उन्हें हम कभी माफ नहीं करेंगे।" मणिपुर की भयावह घटना पर देशभर में आक्रोश के बीच UNAU छात्र मंच ने शनिवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। दो महीने पुरानी घटना का एक वीडियो वायरल हो गया था, जिस पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और आक्रोश फैल गया था।
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