ग्वालियर: मध्य प्रदेश में इन दिनों बारिश ने आतंक मचाया हुआ है। अब इसी बीच CM शिवराज सिंह चौहान ने बीते गुरुवार को ग्वालियर के बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच समय बितारा। इस दौरान वह डबरा और भितरवार तहसील के 25 गांवों में भी गए और सभी लोगों का दर्द सुना। वहीं CM ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा, 'अंतर विभागीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें प्रमुख विभागों के मंत्री और अधिकारी शामिल होंगे।'
इसके अलावा उन्होंने कहा, 'ये कमेटी राहत और बचाव कार्य बेहतर तरीके से करेगी।' मिली जानकारी के तहत बीते गुरुवार को ग्वालियर आए CM शिवराज सिंह चौहान ने सड़क मार्ग से 25 गांवों के अंदर जाकर बाढ़ की विभीषिका देखी। CM ने गांवों के लोगों ने मुलाकात कर बाढ़ का दर्द सुना और कहा कि, ''बाढ़ तो पहले भी कई बार आयी, लेकिन उत्तरी अंचल में इस तरह का विनाश पहले कभी नहीं देखा।'' इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, 'महाविनाश हुआ है। हजारों करोड़ रुपए का ‘इंफ्रास्ट्रक्चर’ ध्वस्त हो गया है। सड़क, पुल, बिजली प्रदाय, बिजली सबस्टेशन, ट्रांसफार्मर और संचार व्यवस्थाओं से जुड़ी आधारभूत संरचनाएं ध्वस्त हुई हैं। पानी बहुत अधिक वेग से आया था। बाकी चीजें भी हम नहीं बचा पाए।'
आगे CM ने कहा, 'महाविनाश में राहत के लिए सिर्फ कलेक्टर से काम नहीं चलेगा, इसके लिए मंत्रियों की अंतर्विभागीय टीम बनायी जाएगी। जिसके जरिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास के लिए सड़क, पुल, पुलिया और इससे जुड़े अन्य कार्यों के लिए इसके अलावा ये भी प्रयास किया जाएगा। जिन लोगों के मकान टूटे हैं, एक लाख बीस हजार की लागत से उनके लिए मकान बनाकर दिए जाएं। प्रभावितों के लिए तत्काल में पचास किलो अनाज की व्यवस्था भी सरकार करेगी।'
इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा- 'बाढ़ से हुए नुकसान का जल्द सर्वे किया जाएगा। सरकार बाढ़ पीड़ितों के कपड़े-लत्ते, बर्तन और भीगा अनाज का मुआवजा देगी। जिनके मकान टूटे उनको एक लाख 20 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। मवेशी की मौत पर तीस हजार रुपए, बछडों की मौत पर दस हजार रुपए का मुआवजा देंगी सरकार। कुआ-नलकूप के नुकसान के लिए पच्चीस हजार रुपए का मुआवजा देंगे। मुर्गा-मुर्गी के नुकसान के लिए भी साठ रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।'
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