भोपाल: आज रविन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि है। आप सभी को बता दें कि आज ही के दिन (7 अगस्त 1941) रविन्द्रनाथ टैगोर ने दुनिया से अलविदा ले लिया था। ऐसे में आज देशभर से लोग रविंद्रनाथ टैगोर को उनकी पुण्यतिथि पर सादर नमन कर रहे हैं और विनम्र श्रद्धांजलि दे रहे हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज ने भी एक ट्वीट किया है और रविन्द्रनाथ टैगोर जी को नमन किया है। आप देख सकते हैं CM शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए कैप्शन में लिखा है- ''राष्ट्रगान के रचयिता, महान दार्शनिक और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन। आपकी कृतियां और मानवीय मूल्यों की रक्षा हेतु समर्पित आपका जीवन हमें सदैव सन्मार्ग पर चलने प्रेरित करता रहेगा।''
राष्ट्रगान के रचयिता,महान दार्शनिक और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर जी की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन।
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) August 7, 2021
आपकी कृतियां और मानवीय मूल्यों की रक्षा हेतु समर्पित आपका जीवन हमें सदैव सन्मार्ग पर चलने प्रेरित करता रहेगा। pic.twitter.com/UsQFxbBgzt
वहीँ दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी एक ट्वीट किया है और लिखा है, ''राष्ट्रगान के रचयिता, साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित, बहुआयामी प्रतिभा के धनी, गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर सादर नमन और विनम्र श्रद्धांजलि दी, आपका अमर साहित्य देश ही नहीं दुनिया को सदैव आलोकित करता रहेगा। भारतीय राष्ट्रीयगान के रचयिता महान साहित्यकार, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरूदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन्।''
राष्ट्रगान के रचयिता, साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित, बहुआयामी प्रतिभा के धनी, गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर सादर नमन और विनम्र श्रद्धांजलि!
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) August 7, 2021
आपका अमर साहित्य देश ही नहीं दुनिया को सदैव आलोकित करता रहेगा।#RavindranathTagore pic.twitter.com/DMSJLKaD3q
आप सभी को बता दें कि, रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था, वह एक कवि, लेखक, नाटककार, संगीतकार, दार्शनिक, समाज सुधारक और चित्रकार थे। साल 1913 में, वह साहित्य में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले गैर-यूरोपीय और थियोडोर रूजवेल्ट के बाद दूसरे गैर-यूरोपीय बन गए। आपको बता दें कि रवींद्रनाथ टैगोर को यह पुरस्कार उनके कविता-संग्रह गीतांजलि के लिए मिला था, जो कविता का उनका सबसे अच्छा संग्रह था।
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