दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह के गंगा जमुना विद्यालय में छात्रों एवं अध्यापकों के धर्मांतरण कराने का विवाद बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के पश्चात् अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में कड़ा रुख दिखाया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षण संस्थान, चाहे वह मदरसे हों, यदि वहां पर गलत ढंग से शिक्षा दी जा रही है, उसकी जांच करेंगे। मुख्यमंत्री ने दमोह की घटना को बेहद गंभीर मामला बताया तथा कहा कि इस मामले में FIR करवा रहे हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा, 'कुछ जगह धर्मांतरण के कुचक्र चल रहे हैं हम उनको सफल नहीं होने देंगे। पूरे राज्य में हमने जांच के भी निर्देश दिए विशेषकर जो शिक्षण संस्थान हैं, चाहे मदरसे चलते हों यदि गलत ढंग से शिक्षा भी दी जा रही होगी तो हम उसको भी चेक करेंगे।' इस के चलते मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी स्कूल बच्चियों को अलग ड्रेस पहनने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। इतना ही नहीं कोई स्कार्फ बांधने के लिए भी बाध्य नहीं किया जा सकता है। जांच रिपोर्ट आने दीजिए, जो भी दोषी होगा उन सभी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने गंगा जमुना स्कूल पर मंगलवार को धर्मांतरण कराने का गंभीर इल्जाम लगाया था। साथ ही उन्होंने विद्यालय के कनेक्शन आतंकियों से होने का संदेह व्यक्त किया था। स्कूल शिक्षा मंत्री परमार कहा था- “नाबालिग बेटे और बेटी किसी विद्यालय में आते हैं तथा उनकी घर की आस्था से अलग कोई दूसरी आस्था थोपी जाती है। विद्यालय की भूमिका संदिग्ध है और अब सामने आ रहा है कि विद्यालयों में अध्यापकों ने भी धर्मांतरण कराया है। अगर बालिग लोगों का वहां पर धर्मांतरण किया जा रहा है, इसका अर्थ वहां पर धर्मांतरण की गतिविधि संचालित हो रही है। इसलिए मैं बोलता हूं कि वह स्कूल के नाम पर धर्मांतरण की गतिविधि ही नहीं, हो सकता है आतंकवादियों से भी उनके संबंध हों।”
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