भोपाल: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय सभागार, भोपाल में 'राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे 2021' के विश्लेषण और भावी रणनीति पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा है कि बच्चा स्कूल जाए तभी उसकी मानसिकता बना दी जानी चाहिए कि उसे कैसे पढ़ना है। पहले दिन ही स्कूल में पालक और शिक्षक की बैठक होने वाली है। इससे बच्चे को पालक किस तरह से सहायता कर सकते हैं, वो शिक्षक उन्हें बताएं। माह में एक बार पालक शिक्षक अवश्य साथ बैठें।
सीएम शिवराज ने आगे कहा कि शिक्षा में जिन राज्यों की बेहतर स्थिति है, उनका अध्ययन करना जरुरी है। हमारे सुधार के लिए वहां से कुछ बेहतर मिले जो हमारे लिए प्रासंगिक हो उसे ले लिया जाना चाहिए। फिर डिस्ट्रिक का रिपोर्ट कार्ड, ब्लॉक का रिपोर्ट कार्ड और स्कूलों की रैकिंग की जाने चाहिए। स्कूलों की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पूरे मध्यप्रदेश में आयोजित की जानी चाहिए। जिला स्तर पर,ब्लॉक स्तर पर,स्कूलों में प्रतिस्पर्धा होती है तो हर एक के मन में ये भाव आता है कि मैं अपने स्कूल को पहले नंबर पर कैसे लेकर आऊं। पिछली बार स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत तय किया गया था कि जो विद्यार्थी स्कूल से पढ़कर चले गए। उनको स्कूल से जोड़ें। मैं कई बार साढ़े 6 नंबर के स्कूल गया, जहां मैंने पढ़ाई की थी। हमारे जाने से स्कूल में प्रभाव पड़ता है, व्यवस्थाएं बेहतर हो रही है।
उन्होंने कहा कि हमने समाज से भी आह्वान किया कि अगर आप सक्षम हैं तो अपने विद्यालय को कुछ न कुछ योगदान दें। ये महत्वपूर्ण नहीं है कि किसने क्या दिया,जरूरी यह है कि आप स्कूल से जुड़ें और स्कूल की गुणवत्ता बढ़ाने में सहयोगी बनें। देश को गढ़ने वाले बेहतर परफॉर्म करने वाले शिक्षकों का सम्मान भी होना चाहिए। वेतनवृद्धि भी की जा सकती है। अच्छा करने वाला बाकी लोगों से ऊपर रहे। विभाग इसकी एक व्यवस्था तैयार करे। वर्ष में एक बार सम्मान समारोह हो, इसके लिए पुरस्कार भी तय किये जा चुके है।
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