उपवास पर शिवराज : ख़त्म होंगे बिचौलिए, हर दर्द में किसानो के साथ हू, हिंसा को बताया साजिश

उपवास पर शिवराज : ख़त्म होंगे बिचौलिए, हर दर्द में किसानो के साथ हू, हिंसा को बताया साजिश
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इंदौर : किसान आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा से किसानो के गुस्से को शांत करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उपवास का रास्ता अपनाया है. आज सुबह 11 बजे से सीएम शिवराज भोपाल के दशहरा ग्राउंड में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठ गए है. इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि- मेरी हर सांस राज्य की जनता के लिए है. बिना किसान के प्रदेश आगे नहीं बढ़ सकता है. उन्होंने किसानों को समस्याओं पर चर्चा के लिए खुला निमंत्रण दिया है. शिवराज ने कहा, जब-जब प्रदेश में किसानों पर संकट आया, मैं सीएम आवास से निकलकर उनके बीच आया हू . नए आयोग का गठन किया गया है जो फसलों की सही कीमत तय करेगा. हम किसानों को सही कीमत दिलाएंगे.

शिवराज ने कहा- प्रदेश में आग न लगाएं, चर्चा के लिए आएं. हम चर्चा करने के लिए बैठे है. बता दे कि अनशन से पहले शिवराज और उनकी पत्नी साधना सिंह ने पूर्व सीएम कैलाश जोशी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. जोशी ने तिलक कर सफल होने की शुभकामनाएं दी. शिवराज ने कहा, प्रदेश में हर वर्ग का कल्याण हो, हमारा एक ही लक्ष्य रहा है- प्रदेश का विकास. प्रदेश को आगे बढ़ाना है तो खेती को आगे बढ़ाना है. मुख्यमंत्री बना तो साढ़े सात लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती थी, अब ये रकबा 40 लाख हेक्टेयर तक बढ़ चुका है.

खेतों में पानी पहुंचाने में हमने कोई कसर नहीं छोड़ी. हमने 18% कर्ज घटाकर 0% कर दिया. 10% पर लोन दिया. जब जब संकट की घड़ी आई, मैं कभी सीएम आवास पर नहीं बैठा, खेतों में गया. किसानों को पर्याप्त राहत देने की कोशिश की. पिछले साल सोयाबीन की फसल खराब हुई थी, हमने 4800 करोड़ का मुआवजा दिया. मालवा को रेगिस्तान बनने से हमारी सरकार ने बचाया है. हमने नर्मदा ले जाकर ये सुनिश्चित किया कि मालवा रेगिस्तान ना बने. इस साल बंपर फसल आई है. जब उत्पादन बंपर होता है तो कीमत गिरती है. इससे किसान को नुकसान होता है. इससे किसान को तकलीफ होती है. इसलिए हमने फैसला किया कि पूरा प्याज 8 रुपए किलो खरीदा जाएगा.

किसान की मेहनत और परिश्रम को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा. किसान को लाभकारी मूल्य देने में मध्यप्रदेश सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी. किसान की मर्जी के बिना किसान की जमीन नहीं ली जाएगी. चेक पेमेंट में परेशानी आई तो किसान चेक लेकर घूमता रहा. हमने फैसला किया कि आरटीजीएस से पेमेंट किया जाएगा. सही कीमत देने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष बना रहे हैं. इसके लिए 1 हजार करोड़ का कोष बनाया जा रहा है. एक बड़ी विसंगति है कि किसान बेचता है तो सस्ता बिकता है। उपभोक्ता को महंगा मिलता है.

मेरी कोशिश रहेगी कि 8% आढ़त को घटाकर 2% किया जाए. भविष्य में हम ये कोशिश करेंगे कि किसान और उपभोक्ता के बीच कोई बिचौलिया ना रहे जिससे किसान को उसकी फसल का उचित मूल्य मिल सके. शिवराज ने कहा, आंदोलन तब जायज है जब सरकार ना सुने. जब मुख्यमंत्री कह रहा है कि आइए चर्चा करेंगे. चर्चा करके समाधान निकालेंगे. तो किसान चर्चा के लिए आएं. मेरी एक वीडियो क्लिपिंग चलाई गई. जिससे किसानों को भड़काया गया कि मैं एक धेला नहीं दूंगा. मैंने किसानों के लिए ऐसा कभी नहीं कहा. मैंने ग्रामोदय अभियान के दौरान जो कहा था, उसे किसानों से जोड़ दिया गया. तब मैंने कर्मचारियों से कहा था- हड़ताल करने से क्या होगा, एक धेला नहीं दूंगा. जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना मंदसौर जिले में हुई, उससे मैं अंदर तक हिल गया.

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