भोपाल: हर साल 16 अप्रैल को सिखों के द्वितीय गुरु अंगद देव का ज्योतिज्योत दिवस मनाया जाता है। आप सभी को हम यह भी बता दें कि अंगद देव सिखो के एक गुरू थे। कहा जाता है गुरू अंगद देव महाराज का सृजनात्मक व्यक्तित्व था, उनमें ऐसी अध्यात्मिक क्रियाशीलता थी जिससे पहले वे एक सच्चे सिख बनें और फिर एक महान गुरु। अब आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरु अंगद देव के ज्योति ज्योत दिवस पर उन्हें नमन किया है।
सेवा, दया और करुणा के सागर, सिखों के द्वितीय गुरु श्रद्धेय गुरु अंगद देव जी के ज्योतिज्योत दिवस पर चरणों में कोटिश: नमन!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 16, 2021
आपका आदर्श जीवन और ओजस्वी वाणी से उपजा प्रकाश सर्वदा मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा। महान गुरु के चरणों में बारंबार प्रणाम! pic.twitter.com/l44YfAfexU
जी दरअसल उन्होंने ट्वीट कर लिखा है- ''सेवा, दया और करुणा के सागर, सिखों के द्वितीय गुरु श्रद्धेय गुरु अंगद देव जी के ज्योतिज्योत दिवस पर चरणों में कोटिश: नमन! आपका आदर्श जीवन और ओजस्वी वाणी से उपजा प्रकाश सर्वदा मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा। महान गुरु के चरणों में बारंबार प्रणाम!'' आप सभी को हम यह भी बता दें कि सिखों के दूसरे गुरु अंगद देव का जन्म 31 मार्च सन 1504 को पंजाब के हरिके गांव में हुआ था। गुरु नानक देव ने अंगद देव की भक्ति और आध्यात्मिक योग्यता से प्रभावित होकर उनको अपना अंग माना था और अंगद नाम दिया था। इसी वजह से अंगद देव जी को लहना (लहीणा) भी कहा जाता है।
वहीं गुरु अंगद देव के जन्मोत्सव को 'अंगददेव जयंती’ के रूप में मनाते हैं। गुरु अंगद देव ने कई श्लोक लिखे और उन्होंने गुरुमुखी लिपि में भी इसका सुधार किया। इसी के साथ गुरु अंगद देव ने लंगर की व्यवस्था शुरू की, इसके अलावा उन्होंने सिख धर्म के अभ्यास के लिए अन्य केंद्र भी स्थापित किए।
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