रांची: झारखंड के शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री जगरनाथ महतो का 56 साल की उम्र में देहांत हो गया। वो लंबे वक़्त से बीमारी से जूझ रहे थे। शुक्रवार को विधानसभा परिसर में सीएम हेमंत सोरेन, स्पीकर रबींद्रनाथ महतो, कैबिनेट मंत्री, विधायक एवं वरीय पदाधिकारियों ने स्वर्गीय जगरनाथ महतो के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस के चलते सबकी आंखें नम थी। इसके चलते सीएम हेमंत सोरेन बहुत भावुक नजर आए। एयरपोर्ट से लेकर विधानसभा तक सीएम नम आंखों से जगरनाथ महतो के पार्थिव शरीर को निहारते रहे।
दिवंगत जगरनाथ महतो को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सीएम ने ट्वीट में झारखंड में उनके योगदान का जिक्र किया। सीएम सोरेन ने लिखा कि "टाइगर जगरनाथ दा ने झारखण्ड और झारखण्डियत की रक्षा के संघर्ष में हमेशा साथ निभाया, उसे जीतना सिखाया। झारखण्ड की माटी के वीर सपूत जगरनाथ महतो अमर रहें!"
कहा जाता है कि जगरनाथ महतो, सीएम हेमंत सोरेन के बहुत करीबी थी। सीएम हेमंत सोरेन भी उनको बड़े भाई के समान महत्व देते थे। चाहे राजनीति हो या निजी जिंदगी, जगरनाथ महतो सीएम को डांटने की हैसियत रखते थे। 1932 के खतियान को लेकर सत्तापक्ष की ओर से अगर किसी ने सीएम का सबसे अधिक समर्थन किया तो वह जगरनाथ महतो ही थे। बीते वर्ष जब लंबे उपचार के पश्चात् जगरनाथ महतो वापस झारखंड लौटे थे तो सीएम ने व्यक्तिगत तौर पर एयरपोर्ट जाकर उनका स्वागत किया था। हालिया दिनों में जब जगरनाथ महतो की दोबारा तबीयत बिगड़ी तो सीएम ने उन्हें चेन्नई भिजवाया। सीएम ने कहा था कि टाइगर वापस लौटेगा। मगर यह नहीं हो सका। झारखंड की राजनीति का टाइगर हमेशा के लिए चला गया।
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