शुक्रवार को केरल के सीएम पिनाराई विजयन का बड़ा बयान सामने आया है. जिसमें उन्होने कहा कि यह 'दुर्भाग्यपूर्ण' है कि इटली के नौसैनिकों का ट्रायल भारत में नहीं हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सुप्रीम कोर्ट से मामले को वापस लेने के पक्ष में नहीं हैं. विजयन की प्रतिक्रिया नीदरलैंड के हेग में स्थायी न्यायालय के पंचाट के फैसले के एक दिन बाद आई है, जिसमें कहा गया है कि केरल के तट पर 2012 में भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी नौसैनिकों पर भारत में केस नहीं चलेगा. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसने फैसला स्वीकार कर लिया है और मामले को बंद करने की मांग की है.
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इस घटना के बाद आर्बिट्रेशन कोर्ट ने फैसला लिया है कि भारत इटली से मुआवजा प्राप्त कर सकता है. साथ ही इस कोर्ट ने कहा कि दोनों नौसैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया था. इसके परिणामस्वरूप, इटली ने संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन ऑफ द सी के तहत भारत के नेविगेशन की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया.
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अपने बयान में आगे विजयन ने बताया कि मुआवजे के बारे में उन्होंने क्या कहा? मुआवजे को सुनिश्चित करने के लिए देश को कड़े कदम उठाने होंगे. ताकि दुबारा इस तरह की हरकत न हो. वही, राज्य मामले को बंद करने से सहमत नहीं है, हम केंद्र सरकार को इस मामले में राज्य की भावना के बारे में सूचित करेंगे. केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी याचिका में कहा कि अपील के बिना मामले में ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम है.
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