लखनऊ : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर आयोजित किए जाने वाले पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन तलाक के मामले में कहा कि ट्रिपल तलाक महिलाओं के अधिकार पर वार है। मगर अब कुछ लोगों के मुंह क्यों बंद हो गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने उद्बोधन में द्रोपदी के चीरहरण का उदाहरण दिया और तीन तलाक के मसले पर अपनी बात कही।
उन्होंने कहा कि तीन तलाक पर कुछ लोग बोल नहीं रहे हैं। यदि देश एक है तो फिर यहां पर काॅमन सिविल कोड क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में या फिर पंजाब में कहीं भी परेशानी हो देश एक है ऐसे में देशभर में काॅमन सिविल कोड लागू होना चाहिए। उन्होंने इस मसले पर राजनीति करने वालों को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का स्मरण किया और कहा कि चंद्रशेखर देश की परेशानियों को दूर करना चाहते थे। वे इसके लिए जूझते थे। वे समाजवादी थे लेकिन आध्यात्मिक थे। वे कड़वे वचन और सच बोलने वाले थे। चंद्रशेखर कई विचारधाराओं का नेतृत्व भी किया करते थे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुजरात के अपने दौरे के तहत तीन तलाक पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि तीन तलाक से मुस्लिम बहनों को परेशानी हो रही है केंद्र सरकार इसका हल करना चाहती है।
भाजपा के राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में कहा था कि भाजपा तीन तलाक के मसले पर स्पष्ट है। उनका कहना था कि समाज को जगाने की जरूरत है। हमें न्याय प्रदान करने की दिशा में कोशिश करने की जरूरत है। गौरतलब है कि आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड ने बिना कारण तीन तलाक देने वाले व्यक्ति के सामाजिक बहिष्कार का निर्णय लिया और कहा कि उन्होंने करीब 5 करोड़ महिलाओं को इस मसले पर सर्वे में शामिल किया जिसमें पाया गया कि वे तो शरीयत का समर्थन कर रही हैं।
मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड ने कहा कि वे मदद के लिए तैयार हैं। आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड ने कहा कि मुसलमानों को फिजुलखर्ची से बचना चाहिए। मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के वरिष्ठ पदाधिकारियों और सदस्यों ने लोगों से दहेज न देने और बेटियों व महिलाओं को संपत्ती में भागीदार बनाने की अपील की।
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