लखनऊ: यूपी के सीएम योगी जब सांसद थे, उस वक़्त वे एक ऐसे कॉलेज का सपना देखा करते थे, जहां ऊंच-नीच का कोई भेदभाव न किया जाता हो. ऐसे कॉलेज की नींव साल 2005 में योगी आदित्यनाथ ने रखी और इसकी कमान डॉक्टर प्रदीप राव को दी गई. जंहा यह कॉलेज गोरखपुर शहर से पिपराइच जाने वाले रोड पर जंगल धूसड़ इलाके में महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज नाम से है. वहीं इस कॉलेज की खास बात यह है कि यहां एक भी स्वीपर पद नहीं है. यहां के शौचालय को साफ रखने की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य प्रदीप राव को दी गई. हम आपको बता दें कि वे हर शनिवार को अध्यापक और बच्चों के साथ मिलकर टॉयलेट साफ करते हैं.
मिली जानकरी के अनुसार कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ प्रदीप राव बताते हैं कि सीएम योगी ने निर्देश दिया था कि यहां पर किसी स्वीपर को तैनात नहीं किया जाएगा. यहां पढ़ने और पढ़ाने वाले लोग मिल जुलकर साफ सफाई करेंगे. महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज का संचालन "महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद" करता है और इसकी संबद्ध गोरखपुर के पंडित दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय से है. प्रदीप राव बताते हैं कि एमएचआरडी ने साल 2018 में देश के शिक्षण संस्थानों में स्वच्छता रैंकिंग के लिए सर्वे का काम शुरू कराया, जिसमें देशभर के छह हजार शिक्षण संस्थानों ने प्रतिभाग किया और उसमें से 300 संस्थानों को MHRD ने स्वच्छता के मापदंड पर खरा घोषित किया. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज जंगल धूसड़ को 176वीं रैंक मिली थी, जिसके बाद कॉलेज के लोगों ने अपनी रैंकिंग सुधारने के प्रयास तेज कर दिया.
साल 2019 में फिर एमआरएचडी देश की कुल 69 संस्थानों की स्वच्छता रैंकिंग को जारी किया. इस रैंकिंग में लम्बी छलांग लगाते हुए महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज ने 39वीं रैंक हासिल की. ‘महाराणा प्रताप स्नातकोत्तर कॉलेज’ स्वच्छता रैंकिंग में जगह बनाने वाला पूर्वी यूपी का इकलौता कॉलेज है. इस कॉलेज ने 21 गांवों को जागरूक करने की जिम्मेदारी उठाई है. यहां वे समय समय पर लोगों को जागरूक करने का काम करते हैं. इनके इस अभियान से कई गांव की तस्वीर बदल चुकी है.
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