उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार तथा अपराध के मामले में बेहद सख्त हैं. जौनपुर में दलितों के साथ मारपीट के बाद घर जलाने के आरोपतियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है. आजमगढ़ में भी दलित बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में एक दर्जन लोगों को अंदर भेजने के साथ एनएसए लगाया जा रहा है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आजमगढ़ के महाराजगंज कोतवाली क्षेत्र में दलित बालिकाओं के साथ कई दिन से हो रही छेड़छाड़ तथा हमला के मामले का सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है. उनके निर्देश पर आज महराजगंज थाना प्रभारी को निलंबित करने के साथ आरोपी परवेज, फैजान, नूर आलम व सदरे आलम समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन सभी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई के निर्देश हैं. इस घटना में फरार चल रहे सात आरोपियों पर 25-25 हजार का ईनाम घोषित किया गया है.
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इसके अलावा आजमगढ़ में यह सभी आरोपी रोज ट्यूबेल पर पानी लेने जा रही दलित बालिकाओं से करते छेडख़ानी करते थे. इस छेडख़ानी का विरोध करने पर इन लोगों ने लड़कियों के साथ उनके परिवार के लोगों के साथ मारपीट भी की. इन सभी दलितों को बेरहमी से पीटने वाले परवेज, फैजान, नूर आलम, सदरे आलम समेत 12 लोगों को अब गिरफ्तार किया गया है. वही, सीएम योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश है कि अगर कही पर भी सांप्रदायिक या जातीय घटना हुई तो इंस्पेक्टर के साथ सीओ के खिलाफ कार्रवाई होगी और एसपी-एसएसपी के खिलाफ की भी जवाबदेही होगी. योगी आदित्यनाथ ने इस तरह के कृत्यों पर गुंडों पर रासुका लगाने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही पुलिस कप्तानों को जातीय बवाल पर सख्ती का निर्देश दिया गया है.
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