लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गोमती रिवर फ्रंट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से निर्माण कार्य की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने कहा कि आखिर शेष रूपए कहां पर गए। ऐसे में मुख्य अभियंता ने अपने अधिनस्थ अधिकारियों से जानकारी मांगी। जब उन्हें जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि अब इस कार्य के लिए एक भी पैसा नहीं दिया जाएगा। मगर सवाल यह है कि निर्माण कार्य के लिए पैसा कहां से आएगा।
ऐसे में चीफ इंजीनियर पीके सिंह ने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट और अन्य योजनाओं से पैसे लाए जाऐंगे। उन पैसों का उपयोग किया जाएगा। उनका कहना था कि योजना कब पूरी होनी थी। तब अधिकारी ने इसे मई 2017 तक पूर्ण करने की बात कही लेकिन यह बात सामने आई कि इस अवधि में काम पूरा नहीं होगा ऐसे में समय बढ़ाने के लिए बैठक में पूरा ब्यौरा सामने रखा जाए। अधिकारी ने पूछने पर बताया कि इस प्रोजेक्ट की लागत 1513 करोड़ रूपए है।
अधिकारी ने कहा कि इस कार्य में 1 हजार करोड़ रूपए और लगेंगे। ऐसे में उनसे कहा गया कि अब पैसा नहीं मिलेगा। तब उन्होंने कहा कि नमामि गंगे या अन्य प्रोजेक्ट के रूपयों से इसे पूर्ण किया जाएगा। गौरतलब है कि देश में पहला ग्रीन थीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट होगा। यह पर्यावरण के लिहाज से अच्छा माना जाएगा। यह प्रोजेक्ट तकनीक आधारित होगा। पौधों के संरक्षण के लिए एक कंम्युटर चिप लगेगी जिसे कम्प्युटर से कनेक्ट रखा जाएगा। पौधों का संरक्षण इस चिप के माध्यम से किया जाएगा।
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