लखनऊ : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया है। मगर अभी उन्हें विधानसभा के लिए अपना चुनाव लड़ना होगा। दरअसल उन्हें सांसद रहते हुए उत्तरप्रदेश में भाजपा के विधायक दल का नेता बनाया गया था। ऐसे में वे विधायक नहीं थे। मगर उनका विधायक होना जरूरी है। उनके अलावा कुछ अन्य नेता ऐसे हैं जिन्हें विधानसभा के लिए निर्वाचन लड़ना होगा।
दरअसल इन नेताओं को राज्य मंत्रिमंडल में और विधानसभा की राजनीति में बनाए रखने के लिए विधायक का निर्वाचन करवाना या फिर विधान परिषद की सदस्यता दिलवाना आवश्यक है। ऐसे में इन्हें अपना चुनाव लड़ना होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा शामिल हैं।
दरअसल दिनेश शर्मा जो कि उपमुख्यमंत्री हैं उन्हें नगर निगम चुनाव का अनुभव है। वह पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। एक अन्य उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को जरूर विधायक के चुनाव का अनुभव है। वे सिराथू विधानसभा क्षेत्र से वे विधायक चुने जा चुके हैं लेकिन इसके बाद उन्हें कौशांबी की यह सीट लोकसभा चुनाव के कारण छोड़ना पड़ गई।
मगर इसके बाद यूपी चुनाव के बाद उन्हें अब सांसद का पद छोड़ना होगा। पार्टी में इन तीनों ही नेताओं के लिए कई विधायक अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार हो गए हैं मगर अभी इस पर निर्णय नहीं हुआ है कि ये लोग कहां से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा कुछ और नेताओं को भी विधायक का निर्वाचन लड़ना होगा। हालांकि सीएम आदित्यनाथ को लेकर माना जा रहा है कि वे गोरखपुर को महत्व दे सकते हैं।
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