लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा है कि 1984 से पूर्वी पाकिस्तान से हिंदुस्तान आए लोग दर-दर की ठोकरें खाते रहे। वे लोग पूर्व की सरकारों के पास भी जाते थे, मगर संवेदनहीन सरकारों के कान पर जूं नहीं रेंगती थी। जो गरीबों की बात करते थे, आखिर इन गरीबों की पीड़ा, उन सरकारों के कानों तक क्यों नहीं पहुंच पा रही थी ? मुसहर जातियों की मदद के लिए लिए हाथ आगे क्यों नहीं बढ़ाया गया ? क्यों वनटांगिया गांव के लोग अनाथ बन गए थे?
सीएम योगी मंगलवार को लोकभवन में 63 विस्थापित हिन्दू बंगाली परिवारों को भूखंड व मुख्यमंत्री आवास सहित अन्य सुविधाएं देने के दौरान भाषण दे रहे थे। इस अवसर पर सीएम योगी ने 10 लोगों को पट्टे के दस्तावेज व चेक आदि भी दिए। उन्होंने कहा कि थारू हैं, कोल हैं अन्य जो जातियां थीं, उनके संबंध में पूर्व की सरकारें संवेदनहीन क्यों बनीं रहीं। हमारी सरकार ने पहली बार वनटांगिया के 38 गांवों को राजस्व गांव में बदल कर विधानसभा चुनाव में उन्हें वोट देने का अधिकार दिलाया। आजादी के बाद सत्तर वर्षों में उनका एक भी पक्का मकान नहीं बन सका था। आज सबके पास पक्के मकान हैं।
सीएम योगी ने स्टेज से ही राजस्व विभाग, ग्राम विकास विभाग व पंचायत विभाग को निर्देश दिए कि जो पट्टे दिए गए हैं, उन्हें स्मार्ट गांव के तौर पर बसाएं। उसकी प्लानिंग हों, स्कूल, अस्पताल, पेयजल की सुविधा, सामुदायिक केंद्र भी हो। रोजगार से भी जोड़ें। महिलाओं और पुरुषों को भी रोज़गार मिले। ये आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ सकें, तभी बड़ी उपलब्धि होगी।
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