लखनऊ: यूपी में चंद महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव का प्रचार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर केंद्रित होने वाला है। इसके लिए उनके सख्त प्रशासक, त्यागी और भ्रष्टाचार विरोधी चेहरे की छवि गढ़ी जाएगी। मुख्य चुनावी गीत ओमकारा मूवी के गाने से प्रेरित ‘सबसे बड़े लड़इया योगी’ होगा। योगी की छवि को निखारने के लिए फिलहाल कई अन्य चुनावी गीतों पर मंथन अब भी चल ही रहा है। जहां इस बात का पता चला है कि यह तय हो जाने के उपरांत कि राज्य में चुनावी चेहरा योगी होने वाले है और रणनीति की कमान गृह मंत्री अमित शाह संभाल सकते है, पार्टी चुनावी रणनीति को धार देने में जुट गई है।
हम बता दें कि ‘सबसे बड़े लड़इया’ को मुख्य चुनावी गीत इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि यह पहले ही लोकप्रिय हो चुका है और सोशल मीडिया पर वायरल है। पार्टी के रणनीतिकार कहते है कि इस जिंगल से पार्टी योगी के संदर्भ में जो संदेश देना चाह रही है, इसमें वह सब कुछ है। इतना ही नहीं पार्टी चाहती है कि सीएम योगी की सख्त प्रशासक, त्यागी और भ्रष्टाचार विरोधी नेता की छवि बन जाए। उनके कार्यकाल में माफिया राज पूरी तरह से समाप्त हो गया है। बड़े-बड़े माफिया या तो जेल में बंद हैं या फिर एनकाउंटर में मार दिए गए है। कोरोना वायरस महामारी में जनता की सेवा में जुटे मुख्यमंत्री अपने पिता के अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हुए थे। राज्य में व्यापक पैमाने पर जिलों और जगहों के नाम बदले गए।
चुनाव के महत्व को समझाने की कोशिश: आगे बता दें कि काशी मंथन में अमित शाह ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से वोटर्स को इस चुनाव का महत्व समझाने का आदेश दिया। उन्होंनेे बोला है कि मतदाताओं को बताएं कि बीजेपी के लिए यह चुनाव जीतना हिन्दुस्तान के हित में है। भाजपा को सत्ता नहीं मिली तो पीएम मोदी कमजोर हो जानेगे। उत्तर प्रदेश में माफियाराज कायम होगा और पूरे देश में देश विरोधी तत्वों के हौसले बुलंद होंगे।
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