लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्थित बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी किसी पहचान की मोहताज नहीं है। काशी के घाट, गलियाँ, कपड़ों से लेकर खान-पान सब कुछ एक अलग ही पहचान को प्रदर्शित करते हैं। इसी प्रसिद्धि में चार चाँद लगाने का काम किया है, राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ ने। जहाँ उनकी पहल के बाद देवलोक व महादेव की धर्मनगरी कही जाने वाली वाराणसी अब पूरी दुनिया में संस्कृत नगरी के रूप में जानी जाएगी।
गौरतलब है कि यूपी में सबसे अधिक संस्कृत विद्यालय वाराणसी में संचालित हो रहे हैं। यहाँ पर संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों की तादाद भी सबसे ज्यादा है। वाराणसी में 110 से ज्यादा संस्कृत स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। वाराणसी के बाद जौनपुर में संस्कृत के सबसे ज्यादा स्कूल हैं। संस्कृत भाषा के विस्तार और उसे अलग पहचान दिलाने के लिए राज्य की योगी सरकार जल्दी माध्यमिक व बेसिक शिक्षा की तर्ज पर संस्कृत निदेशालय बनाने के लिए तैयार है। इसका ऐलान सीएम ने अपने बजट में किया था।
निदेशालय बनने के बाद संस्कृत भाषा को नई पहचान मिलेगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में पहली बार सीएम योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत में प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का काम किया है। साथ में उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से संस्कृत भाषा में एक ट्वीट भी किया था। सीएम योगी की इस पहल के बाद संस्कृत बोर्ड ने भी राज्य में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने का काम आरंभ कर दिया है।
अमित शाह बोले- NRC पर झूठ फैला रही है TMC, गोरखा लोगों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा
शेयर बाजार पर कोरोना की मार, 1700 अंक गिरा सेंसेक्स, निवेशकों ने गवाएं 8 लाख करोड़
IMF ने कहा- सही दिशा में भारतीय अर्थव्यवस्था, पूँजी बाजार को और करना होगा मजबूत