इस वक़्त देश अभूतपूर्व बिजली खतरे से गुजर रहा है। देश के सवा सौ से ज्यादा थर्मल पावर स्टेशन को मांग के अनुरूप कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिसके चलते कई संयंत्रों को बंद करना पड़ रहा है। देश में कोयला उत्पादन पर एकाधिकार रखने वाली सरकारी कंपनी कोल इंडिया ने बड़ा निर्णय लिया है। अब कंपनी केवल बिजली संयंत्रों को ही कोयले की आपूर्ति करेगी है। ऐसे में कंपनी ने अन्य क्षेत्र को कोयला की सप्लाई पर अस्थायी रूप से पाबंदी लगा दी है।
आपको बता दें कि देश में कोयले का लगभग 80 फीसदी उत्पादन कोल इंडिया के द्वारा ही किया जाता है। कोल इंडिया का यह निर्णय बताता है कि देश में बिजली एवं कोयले की स्थिति कितनी गंभीर है। कोल इंडिया की एक शाखा साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने हाल ही में एक चिट्ठी जारी की है। जिसमें कंपनी ने बताया है कि आगामी सूचना तक नॉन-पावर सेक्टर को सप्लाई लंबित रहेगी। देश में पावर प्लांट्स में कोयले की तंगी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इससे पावर प्लांट्स को कोयले की सप्लाई बढ़ाने में सहायता प्राप्त होगी।
वही कंपनी ने बताया कि वह निरंतर अपना उत्पादन भी बढ़ा रही है। बीते 4 दिन से पावर सेक्टर को निरंतर 16.1 लाख टन MT रोजाना कोयले की सप्लाई की जा रही है। एक बार स्थिति सुधरने पर जब कोल फायर्ड प्लांट्स में कोयले का स्तर सुविधाजनक हालात में पहुंच जाएगा, दूसरे सेक्टर को फिर से नियमित तौर पर कोयले की सप्लाई आरम्भ कर दी जाएगी। कोयला खतरे के बीच इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर कथित मुनाफाखोरी के दोष लग रहे हैं। भारत में कोयले के खतरे की वजह से बिजली उत्पादन में कमी हुई है।
दिल्ली में दम तोड़ रहा कोरोना, मात्र 350 सक्रीय मरीज शेष
इस जगह पर रहते हैं रावण के वंशज, जानिए इतिहास
Video: किसान आंदोलन के नाम पर कौन कर रहा दुष्कर्म-हत्या और हिंसा ?