नई दिल्ली: जाने माने मशहूर उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करके पीएम और केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने गौतम अडानी पर घोटाले का आरोप लगाया तथा कहा कि यह घोटाला पीएम नरेंद्र मोदी के संरक्षण में हुआ है। उन्होंने कहा, "प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए कोल ब्लॉक आवंटित किए गए थे। लाखों करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ था, तब सर्वोच्च न्यायालय ने बहुत सारी कोयला खदानों का आवंटन खारिज कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने तब कहा था कि कोयला खदानों का आवंटन नियमों के विपरीत हुआ है तथा प्राइवेट प्लेयर्स को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।"
आम आदमी पार्टी नेता ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोयला खदान के आवंटन रद्द हो जाते हैं तथा उसके बाद देश में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार आती है। पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली में कहा था कि कोयला घोटाला करके कांग्रेस ने पूरे देश के चेहरे पर कालिख पोत दी है। पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में कोयला खदानों के आवंटन को लेकर संसद में एक एक्ट बनाया। वहीं, सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहा था कि प्रदेश सरकारों को बिजली के उत्पादन के लिए जो कोयला खदानें दी जाएंगी, वह किसी प्राइवेट कंपनी को नहीं दी जा सकती है।"
उन्होंने कहा, "मोदी सरकार द्वारा जो एक्ट बनाया गया, उसमें बताया गया कि राज्य सरकारों को बिजली उत्पादन के लिए जो कोयला खदान आवंटित की जाएगी, उसमें 26 प्रतिशत शेयर प्राइवेट कंपनियों का हो सकता है। यह कानून सर्वोच्च न्यायालयके आदेश के विपरीत पारित किया गया। सर्वोच्च न्यायालय ने जिन कोयला खदानों के आवंटन को रद्द किया था, उसमें 42 एवं 44 नंबर पर कोयला खदान है। मगर इन दो खदानों का आवंटन रद्द नहीं हुआ, क्योंकि यह खदान अडानी को मिले थे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद दो कोयला खदान के आवंटन क्यों रद्द नहीं किया गया?" आम आदमी पार्टी नेता ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में दो खदान पारसा एवं कांता राजस्थान सरकार को आवंटित की गई थी, इन्हें अडानी को दे दिया गया। इसमें राजस्थान सरकार को 26 फीसदी भागेदारी दी गई। जो खदान राजस्थान सरकार को आवंटित थी, उसी से निकला हुआ कोयला राजस्थान सरकार को बेचा गया। अडानी को मुनाफा पहुंचाने के लिए खेल किया गया। संजय सिंह ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि 74 प्रतिशत शेयर अडानी के हैं और 26 प्रतिशत शेयर राजस्थान सरकार के हैं। यहां भारत सरकार द्वारा बनाए गए कानून और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का भी उल्लंघन किया गया है। इस समझौते के तहत अडानी को एक लाख करोड़ रुपये का कोयला भारत की सरकार ने फ्री में दे दिया। कोल इंडिया द्वारा राजस्थान सरकार को कोयला 2 हजार रुपये प्रति टन दिया गया जबकि अडानी की खदानों ने यही कोयला 2300 रुपये प्रति टन बेचा है।'
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