चेन्नई: तमिलनाडु के कोयम्बटूर में रविवार (23 अक्टूबर) को कोट्टई ईश्वरम मंदिर के सामने एक कार में हुए सिलिंडर ब्लास्ट में आतंकी जमिज़ा मुबीन की मौत हो गई थी। इसके बाद आतंकी मुबीन के घर से बड़ी मात्रा में विस्फोटक भी मिला था। आशंका जताई जा रही थी कि घटना दीवाली के दौरान मंदिर को निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा थी। वहीं, NIA द्वारा घटना के संबंध में दर्ज की गई FIR से मुबीन के घर से अन्य संवेदनशील चीजों के बरामद होने की सूचना मिली है।
Coimbatore cylinder blast | In search at premises of deceased Jamesha Mubin, 109 articles seized, incl potassium nitrate, black powder, nitroglycerin, PETN powder, aluminium powder, sulphur powder, sterile surgical, notebooks with details details about Jihad etc found: FIR by NIA
— ANI (@ANI) October 28, 2022
NIA ने अपनी प्राथमिकी में कहा है कि, ”मृतक जमिज़ा मुबीन के परिसरों की तलाशी में 109 वस्तुएँ बरमाद हुईं हैं, जिनमें पोटेशियम नाइट्रेट, काला पाउडर, नाइट्रोग्लिसरीन, PETN पाउडर, एल्युमिनियम पाउडर, सल्फर पाउडर, स्टेराइल सर्जिकल, जिहाद के संबंध में विवरण के साथ नोटबुक आदि शामिल हैं।' बता दें कि, मुबीन से 2019 में आतंकी संगठन ISIS के साथ लिंक को लेकर पूछताछ की गई थी। हालाँकि पुलिस का दावा है कि जमिज़ा मुबीन का कोई पुराना आतंकी या आपराधिक रिकार्ड नहीं मिला है। प्रारंभिक जाँच में पुलिस को मुबीन की गाड़ी में लोहे की कीलें मिली थीं, जिसे गाड़ियों को पंचर करने में इस्तेमाल किया जाता है। उसकी मारुती 800 कार से मार्बल भी मिले थे, जो विस्फोट में चकनाचूर हो गई थी। यह अंदेशा भी जताया जा रहा है कि वह जहरान हाशिम नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। बता दें कि इस्लामी आतंकी संगठन जहरान हाशिम ईस्टर पर श्रीलंका में हुए सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोयम्बटूर में 1998 में हुए सीरियल ब्लास्ट से भी इसके लिंक पाए गए हैं। कार विस्फोट के बाद पकड़े गए लोगों में मोहम्मद थलका भी शामिल है। वह नवाब खान का बेटा है, जो 1998 सीरियल ब्लास्ट में जेल में कैद है। सीरियल ब्लास्ट के लिए आतंकी संगठन अल-उमाह का मुखिया उसका चाचा सैयद अहमद बाशा ही जिम्मेदार हैं। जानकारी के मुताबिक, मुबीन उक्कडम में रहता था। यह इलाका शुरू से संवेदनशील रहा है। खासकर 1998 के सीरियल ब्लास्ट के बाद से यहाँ तनाव बना रहता है। यही वजह है कि धमाके के बाद जब मुबीन के घर के तलाशी ली जा रही थी, उसी वक़्त अल-उमाह से जुड़े लोगों के घर पर भी छापेमारी की गई। इनमें से एक घर नवाब खान का भी था। इसके बाद नवाब खान के बेटे थलका से पूछताछ की गई और बाद में उसे अरेस्ट कर लिया गया। बता दें कि 23 अक्टूबर को हुए विस्फोट की जाँच में जिस तरह से चीजें सामने आ रही हैं, उससे लगता है कि 1998 के सिलसिलेवार धमाकों की तरह ही बड़ी साजिश रची गई थी। मगर, किन्हीं कारणों से 24 वर्षों बाद आतंकी उसी तरह की घटना को अंजाम देने में नाकाम रहे।
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