मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद तेजी से वायरस ने पैर फैला लिए है. जिसके बाद इंदौर में भी संक्रमण का आंकड़ा बढ़ रहा है. वही, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना नियंत्रण में लापरवाही और लॉकडाउन नहीं करा पाने पर इंदौर कलेक्टर लोकेश जाटव और डीआइजी रुचिवर्धन मिश्र को हटा दिया है. गौरतलब है कि प्रदेश में अब तक सर्वाधिक कोरोना के पॉजिटिव मरीज इंदौर में मिले हैं.
अफ़ग़ानिस्तान में बढे कोरोना के मामले, तीन हफ़्तों के लिए लॉकडाउन हुआ काबुल
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि गत रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान रात नौ बजे लोग इंदौर में सड़क पर जश्न मनाने पहुंच गए थे और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा था. इसके बाद लॉकडाउन कराने में कलेक्टर और डीआइजी ने लापरवाही बरती. अब मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी मनीष सिंह को इंदौर का कलेक्टर बनाया गया है, जबकि खरगोन के डीआइजी हरिनारायणचारी मिश्रा को इंदौर की कमान सौंपी गई है. जाटव को मंत्रालय में सचिव बनाया गया है, तो रुचिवर्धन मिश्र को पुलिस मुख्यालय पदस्थ किया गया है.
कोरोना से 45 मौतें होने के बावजूद बोले जापान के पीएम - 'अभी आपातकाल की आवश्यकता नहीं'
इसके अलावा कयास लगाए जा रहे है कि भाजपा नेताओं की नाराजगी भी कलेक्टर और डीआइजी के हटने का कारण है. दरअसल, कमल नाथ सरकार में भू-माफियाओं के खिलाफ चलाए गए प्रदेशव्यापी अभियान के दौरान इन अधिकारियों ने जिले के भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की थी. हनी ट्रैप मामले में भी कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पार्टी नेताओं ने भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया था.
अमेरिका में कोरोना का शिकार हुआ मासूम
कोरोना: बांग्लादेश की मदद के लिए आगे आया एशियाई विकास बैंक, देगा इतने करोड़
तुर्की में बढ़ा मौत का अकड़ा, कोरोना ने ली 24 घंटे में 100 से अधिक जानकारी