भोपाल: मध्यप्रदेश में भी वैश्विक महामारी कोरोना का संकट फैला हुआ है लेकिन हालात धीरे-धीरे काबू में आ रहे हैं। ऐसे में इस संकट के बीच कई लोग हैं जो अमानवीय घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे ही कई लोग अस्पतालों से निकलकर सामने आ रहे है जो अमानवीय कार्य कर रहे हैं। बीते दिनों ही राजधानी के चिरायु अस्पताल के डॉक्टर का एक वीडियो जारी हुआ और इस मामले में अब कलेक्टर अविनाश लवानिया ने नोटिस जारी करते हुए तीन दिन में जानकारी देने की बात कही है। जी हाँ, जानकारी मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बताया जा रहा है चिरायु अस्पताल के डॉ। अजय गोयनका ने वीडियो के माध्यम से सफाई देते हुए कहा है कि, ''वीडियो वायरल करने वाले लड़के की मां 19 अप्रैल से अस्पताल में भर्ती है। सरकार का आदेश 7 मई को आया। इसके बाद से चिरायु मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान के तहत आने वाले लाभार्थियों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।'' इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि, ''मुझे खेद है कि एक सोशल वर्कर ने जो बात मेरे नाम से कही है, वह गलत है। आगे भी योजना के तहत मरीजों को इलाज उपलब्ध करवाया जाएंगा। मैं वीडियो का खंडन करता हूं।''
बीते दिनों जो वीडियो वायरल हुआ था उस वीडियो में डॉक्टर सरकार की कार्रवाई से बेख़ौफ़ होकर मरीज के परिजन को साफ़ शब्दों में बोलता नज़र आ रहा था कि यहां सरकार का कोई आदेश नहीं चलेगा। आयुष्मान कार्ड से यहाँ पर इलाज नहीं किया जाएगा। उस वीडियो में धमकाते हुए लहजे में डॉक्टर बोलता नज़र आ रहा था कि, मरीज़ के परिजन से बनाओ वीडियो में जवाब देता हूं। उस वीडियो में डॉक्टर गोयनका नजर आए जिसमे आयुष्मान कार्ड मान्य नहीं होगा। बताया जा रहा है उसी दौरान डॉक्टर द्वारा परिजन को गार्ड से धक्का देकर बाहर निकालने के आदेश दिए गए थे।
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