प्रभावशाली पदों पर डॉक्टरों और लोगों के बीच स्पष्टता टकराव के मामले सामने आए हैं. ऐसा ही एक मामला गुंटूर में हुआ है. गुंटूर के नरसारावपेट का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कलेक्टर एक डॉक्टर पर चिल्लाते हुए नजर आए. वीडियो में गुंटूर कलेक्टर सैमुअल आनंद को नादेंडला प्राइमरी हेल्थकेयर सेंटर के एक सरकारी डॉक्टर पर चिल्लाते हुए देखा गया. एक लीडिंग डेली ने कलेक्टर के गुस्से की जानकारी मिलने पर डॉक्टर डॉ सोमला नायक से बात की, ताकि पता चल सके कि वास्तव में क्या हुआ था. एक लीडिंग डेली से बात करते हुए डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने सिर्फ नादेंडला प्राइमरी हेल्थकेयर सेंटर में बेड की कमी को लेकर वास्तविक चिंता रखी थी जिसके कारण कुछ पुराने लोगों को वापस घर भेजना पड़ा.
उन्होंने कहा, मैंने चिंता जताई जिसका कलेक्टर ने गुस्से में जवाब दिया. उन्होंने इसे झूठ बताते हुए खारिज कर दिया. समीक्षा बैठक के लिए आए पूरे मेडिकल स्टाफ के सामने कलेक्टर ने अपने अच्छे व्यवहार खो दिए. यह बहुत अपमानजनक था. डॉक्टर ने आगे कहा, जब आपको इस तरह की प्रतिक्रिया दी जाती है तो चिंताएं व्यक्त की जाती हैं. और हम महामारी के दौरान लोगों की सेवा करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बातचीत के दौरान मुझे कई बार सस्पेंड करने की धमकी दी. मैंने उनसे कहा कि यदि इस तरह से वह उठाई गई चिंताओं पर प्रतिक्रिया देंगे तो काम करना कठिन होगा. मैंने इस्तीफा देने की भी पेशकश की.
डॉक्टर के मुताबिक जब कलेक्टर ने उन्हें कई बार सस्पेंड करने की धमकी दी तो वह भी शांत हो गए. उन्होंने जवाब देते हुए कहा, आप मुझे निलंबित करने वाले कौन हैं? कलेक्टर इससे और नाराज हो गए. जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल होने लगा है.
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