दुनिया में कोई रंग न हो, तो जिंदगी नीरस हो जाती है. इसका सबसे ज्यादा दर्द इस 50 साल के आदमी ने महसूस किया. जिसने पहली बार रंगीन दुनिया देखी. ऐसा ही एक मामला हम आपको बताने जा रहे हैं जिसे 50 साल की उम्र में रंगीन दुनिया देखने को मिली.
बता दें, कलर ब्लाइंडनेस एक गंभीर समस्या है. यही बीमारी 50 साल के क्रिस स्मेलसर को थी. उनकी पूरी जिंदगी बेरंग ही बीती. अब एक खास प्रकार के चश्मे के माध्यम से उन्होंने पहली बार रंगीन दुनिया देखी. इसके बाद उनका रिएक्शन बेहद ही हैरानी भरा था और वो काफी खुश भी थे. क्रिस को इससे पहले हर चीज ब्लैक एंड व्हॉइट दिखती थी. क्रिस ने जैसे ही यह चश्मा लगाया, उन्हें सारी चीजें उनके असली रंग में दिखीं. आसमान से लेकर हरी-भरी हरियाली तक, क्रिस को सबकुछ वैसा ही नजर आया जैसा दिखना चाहिए.
हैरानी की बात ये है कि, क्रिस को एनकोरोमा ग्लासेस के चलते सबकुछ साफ-साफ दिखा. उनके 50वें जन्मदिन पर दोस्तों और परिजनों ने मिलकर यह तोहफा दिया. क्रिस इस खास प्रकार के चश्मे का डिब्बा खोलते ही भावुक हो उठे थे और रोने लगे. चश्मा आंखों पर पहनते ही वह अपनी फीलिंग्स को कंट्रोल नहीं कर पाए. इस दौरान वह हंसते भी रहे और रोते भी. वह भागकर खुले आसमान के नीचे आए. हरे भरे पेड़ों को देखा और आसमान की ओर सर उठाकर देखा... ओह माई गॉड! इसी का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है.
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