नीली और ग्रे आंखों वाले लोग मोतियाबिंद के शिकार हरी और हैजेल आंखों की तुलना में कम होते हैं.ब्राउन आंखों वाले ग्लूकोमा के सबसे कम शिकार होते हैं. इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों में भी मोतियाबिंद आसानी से घर कर सकता है .
तमाम ऐसे प्राकृतिक तत्व मौजूद हैं जिनसे मोतियाबिंद के प्रभाव को कम किया जा सकता है.
रंगीन आहार का मतलब है कि अपने खानपान में हर रंग के आहार शामिल करें. चाहे लाल हो या फिर हरा. सभी रंग के आहार आंखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है. मतलब कहने का यह है कि किसी एक रंग के आहार पर आश्रित न रहें. हालांकि हरे पत्तेदार सब्ज्यिं आंखों के लिए अच्छी हैं. खासकर ग्लूकोमा के लिए बावजूद इसके बेहतर है अपने खानपान में गोभी, गाजर, मटर आदि सब शामिल करें.ग्लूकोमा के स्तर को कम करना है तो हरी सब्जियों का सेवन ज्याद से ज्यादा करें. असल में अध्ययन में हरी सब्जियां और मोतियाबिंद का गहरा सम्बंध पाया गया है. माना गया है कि हरी सब्जियां ग्लूकोमा की दुश्मन की तरह है. पालक, मटर आदि खाएं.
आंखों के लिए मछली में पाया जाने वाला ओमेगा 3 पीएफए आवश्यक तत्व है. जो लोग नियमित रूप से मछली खाते हैं, अकसर उन्हें आंखों से सम्बंधित बीमारियां मछली न खाने वालों की तुलना में कम होती हैं. अकसर विशेषज्ञ आंखों से जुड़ी परेशानियों से पार पाने के लिए मछली खाने की सलाह देते हैं. अतः आपको यदि मोतियाबिंद या इसके होने के लक्षण का पता चल रहा हो तो मछली को अपनी डाइट चार्ट में अवश्य शामिल करें.
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