नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का स्पष्ट कहना है कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गई राशि अपने आप वैध नहीं हो जाएगी. उन्होंने कहा कि कालेधन का रंग इसलिए नहीं बदल जाएगा क्योंकि यह बैंक में जमा हो गया है. इसके विपरीत अब यह अपनी 'गुमनामी' को खो देगा और अब इसकी पहचान इनके मालिक से होगी. फेस बुक पेज पर 'नोटबंदी-एक नजर बीते 2 महीनों पर' शीर्षक वाली पोस्ट में रविवार को जेटली ने यह विचार व्यक्त किये.
दरअसल वित्त मंत्री ने यह टिप्पणी इस हफ्ते आई उन मीडिया रिपोर्ट के बाद की जिसमें कहा गया कि नोटबंदी वाले करीब 97 फीसदी नोट बैंकों में जमा हो गए हैं. इन रिपोर्ट में कहा गया कि 30 दिसंबर 2016 तक बैंकों में करीब 14.97 लाख करोड़ रुपये जमा किए गए. वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग को इस राशि पर टैक्स निर्धारित करने का अधिकार है.
जबकि उधर भारतीय रिजर्व बैंक ने मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इस तरह के अनुमान सही नहीं हो सकते क्योंकि विभिन्न करेंसी चेस्ट में एकत्रित राशि को अभी वास्तविक नकदी से मिलाने की जरूरत है. साथ ही गणना की गलतियों को दूर करने के लिए दोबारा गणना करने की जरूरत है.